ग्रामीणों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना ठंढे बस्ते में
शहरों की तर्ज पर गांव वालों को शुद्ध पेयजल देने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। इस परियोजना को लेकर मुख्यालय भेजे गए 242 करोड़ के बजट को स्वीकृति नहीं मिली है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: शहरों की तर्ज पर गांव वालों को शुद्ध पेयजल देने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। इस परियोजना को लेकर मुख्यालय भेजे गए 242 करोड़ के बजट को स्वीकृति नहीं मिली है। इस योजना में 658 गांवों का चयन किया गया था, जहां ट्यूबवेल, ओवर हेड टैंक के साथ ही पाइपलाइनों के जरिए पानी पहुंचाना था। हालांकि इस योजना को अभी पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है।
मौजूदा समय में जल निगम कई योजनाओं के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करा रहा है। यह योजनाएं तकरीबन 30 वर्ष पुरानी हैं। समय बीतने के साथ ग्रामीण इलाकों में आबादी तो बढ़ी लेकिन सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया। यही वजह है कि तमाम इलाकों में बिछाई गई पाइप लाइनों से पानी नहीं आता है। जंग लगी व टूटी पाइपों से प्रदूषित पानी पहुंचता है, जिससे बीमारी भी बढ़ रही है। शासन की ओर से गांव में शुद्ध पानी देने के लिहाज से प्रस्ताव मांगा गया था, जिसे विस्तृत तरीके से तैयार किया गया है। इसमें ट्यूबवेल, जलाशय के साथ ही पाइप लाइनों को नए सिरे से संचालित करने की तैयारी की गई है। योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए इसे चार चरणों में बाटा गया है। जलनिगम अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना को अभी पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। बजट व निर्माण को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस परियोजना को मंजूरी मिल जाय।
यह थी योजना
पहले चरण में
गांव: 168
खर्च: 5339
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द्वितीय चरण में
गांव: 123
खर्च: 6276
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तृतीय चरण में
गांव 186
खर्च 6157
चौथे चरण में
गांव 181
खर्च 6503
(नोट : खर्च के सभी आंकड़े लाख रुपये में)