नकल लेने व मुआयना को नहीं भटकेंगे लोग
जागरण संवाददाता, जौनपुर : उपनिबंधन कार्यालय को एक दशक पूर्व दीवानी न्यायालय परिसर से स्थानांतरित करके कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित कर दिया गया, लेकिन रिकार्ड रूम वहीं रह गया। रजिस्ट्री का नकल लेने, मुआयना करने के लिए लोगों को दौड़-भाग करना होता है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। लंबे समय बाद जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और सारे रिकार्ड कलेक्ट्री स्थित पुराने रजिस्ट्री कार्यालय में लाया गया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : उपनिबंधन कार्यालय को एक दशक पूर्व दीवानी न्यायालय परिसर से स्थानांतरित करके कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित कर दिया गया, लेकिन रिकार्ड रूम वहीं रह गया। रजिस्ट्री का नकल लेने, मुआयना करने के लिए लोगों को दौड़-भाग करना होता है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। लंबे समय बाद जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और सारे रिकार्ड कलेक्ट्री स्थित पुराने रजिस्ट्री कार्यालय में लाया गया।
दीवानी परिसर में उपनिबंधन कार्यालय वर्षो से चला आ रहा था। अधिवक्ताओं की मांग पर तत्कालीन जिलाधिकारी अपर्णा यू ने 21 मई 2007 में कलेक्ट्री कचहरी में रजिस्ट्री कार्यालय ले आया। भवन छोटा होने के कारण रिकार्ड रूम को दीवानी कचहरी परिसर में ही रहने दिया गया। इससे अधिवक्ताओं व लोगों को नकल लेने व मुआयना कराने के लिए आज भी काफी मुसीबत होती है। रजिस्ट्री कार्यालय के लिए कलेक्ट्रेट मुख्य गेट पर नए कार्यालय का उद्घाटन तत्कालीन जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने दिसंबर 2016 में किया। इसके बाद पुराना रजिस्ट्री कार्यालय खाली होने पर विभाग द्वारा उसमें रिकार्ड रूम बनाने की तैयारी की जा रही है। सफाई के बाद रंग-रोगन का कार्य चल रहा है। रिकार्ड रूम बनाने के लिए आरईएस के इंजीनियर से स्टीमेट व प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। स्वीकृत मिलने पर जल्द कार्य किया जाएगा। 1856 से लाखों रिकार्ड किए जा रहे दुरुस्त :-
विभाग के अधिकारियों की माने तो उपनिबंधन कार्यालय के पास 1856 से अब तक के रिकार्ड मौजूद हैं। इसमें लाखों रजिस्ट्रिी के अभिलेख है। इसको सुरक्षित रखने के लिए पपत्रों को मंगाया जा रहा है। दीमक व सीलन की समस्या को देखते हुए सभी को ठीक करने पर विभाग युद्ध स्तर तैयारी कर रहा है। क्या बोले जिम्मेदार :-
इस बाबत एआईजी स्टांप प्रवीण कुमार ¨सह ने कहा कि दीवानी परिसर में लंबे समय से रिकार्ड रूम है। अधिवक्ताओं की डिमांड पर कलेक्ट्री कचहरी के पुराने रजिस्ट्री कार्यालय में रिकार्ड रूम बनवाया जा रहा है। इसके लिए आरईएस के जेई को प्रस्ताव दिया गया है। स्टीमेट स्वीकृत होते ही फर्नीचर का काम शुरू किया जाएगा। जनवरी तक रिकार्ड रूम यहां पर शिफ्ट हो जाएगा। यहां वर्ष 1856 से अब तक का लाखों रजिस्ट्रियों के अभिलेख हैं।