सब्जी की खेती से किस्मत संवर रही परमशीला
गंवई परिवेश की परमशीला की लगन और मेहनत उन महिलाओं के लिए नजीर है जो आज के बदले दौर में भी खुद को अबला समझती हैं।
जागरण संवाददाता, बरईपार (जौनपुर): गंवई परिवेश की परमशीला की लगन और मेहनत उन महिलाओं के लिए नजीर है जो आज के बदले दौर में भी खुद को अबला समझती हैं। सदर तहसील के गोनापार गांव की परमशीला सब्जी की खेती से न सिर्फ घर की आर्थिक स्थिति बल्कि बच्चों का भविष्य संवारने में भी जुटी हुई हैं।
ये करीब बीस बिस्वा पुश्तैनी जमीन में सब्जी की उन्नत खेती कर मिट्टी से सोना पैदा करने के लिए मशहूर हो गई हैं। मौसमी सब्जियां उगाने वाली परमशीला के खेत में इन दिनों ब्रोकली सहित तरह-तरह की गोभियों की फसल अन्य किसानों को ललचा रही है। इनमें ब्रोकली, चाइनीज, सलाद वाली गोभी, पत्ता गोभी, गांठ गोभी प्रमुख हैं। सब्जी के फुटकर कारोबारी अल सुबह परमशीला के खेत पर सब्जियां खरीदने आते हैं। वह आधुनिक तकनीक, कृषि विज्ञानियों की सलाह और अपनी लगन व मेहनत से बेहतर उत्पादन करती हैं। इतना ही नहीं सब्जियों के उन्नत किस्म के बीज की पैदावार भी करती हैं। इस नर्सरी से भी उनकी अच्छी खासी आय हो जाती है। ¨सचाई के लिए उन्होंने खेत में निजी नलकूप भी लगवा रखा है। घर के बाकी सदस्य भी खेती में परमशीला का हाथ बंटाते हैं। सब्जी की खेती से होने वाली आमदनी से ही परमशीला बेटे-बेटियों की पढ़ाई-लिखाई कराते हुए उनका बेहतर कल बनाने में जुटी हैं। परमशीला की ख्वाहिश है पॉली हाउस बनाकर अत्याधुनिक तकनीक से सब्जियों की नर्सरी तैयार करना। परमशीला को मलाल इस बात का है कि किसी तरह का सरकारी आर्थिक सहायता न मिलने से उनका यह ख्वाब हाल-फिलहाल मूर्त रूप नहीं ले पा रहा है।