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विवादों से उबर कर 21 करोड़ की योजना चढ़ी परवान

जागरण संवाददाता जौनपुर प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जफराबा

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 05:20 PM (IST)
विवादों से उबर कर 21 करोड़ की योजना चढ़ी परवान
विवादों से उबर कर 21 करोड़ की योजना चढ़ी परवान

जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जफराबाद-बेलांव बाइपास मार्ग का निर्माण आखिरकार पूर्ण कर लिया गया। इस महत्वपूर्ण परियोजना पर 21 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें 14 करोड़ रुपये किसानों को मुआवजा बांटा गया। महज साढ़े तीन किलोमीटर का यह बाइपास विवादों में दो साल पड़ा रहा।

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वर्ष 2018 में यह शुरू तो हुआ, लेकिन किसानों ने उचित मुआवजे की मांग को लेकर कार्य रोक दिया। तमाम गतिरोध व चुनौतियों के बीच इस कार्य को न सिर्फ पूर्ण किया गया, बल्कि सकरे रास्ते से होकर गुजरने वाले हजारों यात्रियों का सफर आसान भी हुआ। आमलोगों की सहूलियत के लिहाज से इसे 20 मीटर चौड़ा बनाया गया है। जिस पर वाहन फर्राटा भरने को तैयार हैं।

चार वर्ष पहले कराया गया था टेंडर

बाइपास का टेंडर चार वर्ष पहले 2016 में कराया गया था। इसमें तकरीबन 450 किसानों की भूमि अधिग्रहित की जानी थी। निर्माण भी एक वर्ष में पूरा करना था, लेकिन यह हो न सका। सरकार की ओर से दर तय करने के बाद भी किसान अधिक मुआवजे की मांग पर अड़े थे, जिससे यह कार्य पीछे होते गया। वर्ष 2018 में इस पर कार्य शुरू हुआ, लेकिन किसानों का विरोध जारी रहा। हालांकि किसानों को मनाने के बाद किसी तरह यह कार्य शुरू हुआ जो अब पूर्ण हो चुका है।

कम हुई दूरी, जाम के झंझट से भी छुटकारा

रेलवे क्रासिग जफराबाद के निकट दाऊदपुर गांव से शुरू होकर रामदासपुर, गोंडा खास नंबर दो, पिपरिया कला, चक वाजिदपुर, नासही, मकदूमपुर, पारतला, लादनपुर गांव तक तकरीबन साढ़े तीन किमी दूरी है। जफराबाद बाइपास मार्ग बनने लोगों की दूरी तो कम हुई ही, रोजाना लगने वाले जाम के झंझट से छुटकारा भी मिल गया। बोले अधिकारी..

पूर्व में किसानों की सहमति नहीं बनने की वजह से यह कार्य प्रभावित हुआ। बाइपास अब पूर्ण रूप से बनकर तैयार है। इससे लोगों का समय तो बचेगा ही, जाम से भी मुक्ति मिलेगी।-राधाकृष्ण, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी।


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