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वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन सरकारी दफ्तरों में रही हलचल

जागरण संवाददाता, जौनपुर : वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन शनिवार को सरकारी दफ्तरों में हलचल र

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 10:20 PM (IST)
वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन सरकारी दफ्तरों में रही हलचल

जागरण संवाददाता, जौनपुर : वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन शनिवार को सरकारी दफ्तरों में हलचल रही। जिला कोषागार में अधिकारी व कर्मचारी विभागों बजट सरेंडर की बाट जोहते रहे। हालांकि बहुत अधिक लेन-देन नहीं हो सका। अधिकारी व कर्मचारी अवकाश के दिन भी अपना सारा काम निबटाते देखे गए।

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शासन का निर्देश है कि 31 मार्च तक सभी विभाग अपने बजट का लेखा-जोखा फाइनल कर ले। अगर किसी विभाग के पास बजट रह जाता है तो उसको शासन स्तर में सरेंडर करना पड़ता है। इसके तहत अंतिम दिन सरकारी कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारी अपना वित्तीय काम निबटाते देखे गए। जिला कोषागार में बजट सरेंडर करने वाले सभी विभागों को अंतिम टाइम बताती गई कि इतनी देर में वह अपने बजट का काम पूरा करा ले। बाकी विभागों ने कुछ दिन पहले ही खर्च करके विभाग में बजट सरेंडर कर दिया है। इसके तहत समाज कल्याण विभाग में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 20 ब्लाकों को दिया गया डेढ़ करोड़ बजट वापस हुआ। दैवीय आपदा का अन्य मद के 20 लाख रुपये वापस किए गए। पूर्वांचल निधि का करोड़ों रुपये डीआरडीए को मिला। पंचायती राज विभाग को शौचालय निर्माण के लिए आठ करोड़ का बजट मिला। मनरेगा में सामग्री का बकाए में कई लाख रुपये जिले के हिस्से से आए। पशु पालन विभाग को अस्पताल निर्माण और किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत कई लाख रुपये का बजट संबंधित विभागों को मिला। लोक निर्माण विभाग ने कोई बजट सरेंडर नहीं किया।


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