अधेड़ दंपती ने जहर खाकर जान दी
जासं, बरसठी (जौनपुर): रनापुर गांव निवासी अधेड़ दंपती ने मीरजापुर में जहर खाकर मौत को गल
जासं, बरसठी (जौनपुर): रनापुर गांव निवासी अधेड़ दंपती ने मीरजापुर में जहर खाकर मौत को गले लगा लिया। आत्महत्या का कारण साफ नहीं हो सका है। पास-पड़ोस के लोग घरेलू कलह के चलते आत्मघाती कदम उठाने का अनुमान लगा रहे हैं।
उक्त गांव निवासी जिलाजीत पांडेय (50) पत्नी ¨बदू देवी (46) को साथ लेकर शनिवार की शाम घर से ¨वध्याचल गए थे। रविवार शाम दंपती ने मीरजापुर में गंगा नदी पुल के पास विषाक्त पदार्थ खा लिया। पत्नी ¨बदू की कुछ देर बाद मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर अवस्था में जिलाजीत को अस्पताल पहुंचाया गया। डाक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए बीएचयू रेफर कर दिया जहां सोमवार को जिलाजीत ने भी दम तोड़ दिया। उपचार के दौरान ही कुछ लोगों ने जिलाजीत की जेब से पर्स निकालकर घर का मोबाइल फोन नंबर मिलने पर परिजनों को सूचना दी। यह मनहूस खबर मिलने पर भतीजा धीरज मौके पर पहुंचा।
मृत दंपती के दो पुत्र व एक पुत्री हैं। सभी की शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा वकील और उसका परिवार सूरत रहता है। छोटा बेटा कुलदीप भी वहीं रहकर नौकरी करता है। घर पर कुलदीप की पत्नी सास-ससुर संग रहती थी। कुलदीप की पिछले महीने ही शादी हुई थी। गांव वालों की मानें तो जिलाजीत हमेशा नशे में रहता था। दंपती घर से हंसी-खुशी के साथ गए थे लेकिन चर्चा है कि पारिवारिक कलह हमेशा रहती थी। हालांकि यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। दंपती की मौत के बाद घर में ताला लगाकर बहू को साथ लेकर परिवार के अन्य सदस्य वाराणसी चले गए हैं। घटना से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
दो भाई पहले ही कर चुके थे आत्महत्या
जिलाजीत पांडेय के कुनबे में तीन साल के भीतर चार सदस्य ¨जदगी रास न आने पर मौत को गले लगा चुके हैं। जिलाजीत के दो भाइयों प्रेम शंकर ने तीन साल जबकि रविकांत ने दो साल पहले जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। दोनों का दाह संस्कार और क्रिया-कर्म जिलाजीत के परिवार ने अकेले किया था। गांव तो क्या पास-पड़ोस के लोग भी शामिल नहीं हुए थे। इस सामाजिक बहिष्कार से भी दंपती तनावग्रस्त रहते थे। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसी सामाजिक उपेक्षा से दुखी होकर दंपती ने आत्महत्या कर ली।