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ओइना रजवाहा टूटी, 130 बीघे से अधिक गेहूं की फसलें डूबीं

ओइना गांव के समीप मंगलवार की रात ओइना रजवाहा टूटने से तीन गांवों की लगभग 130 बीघे गेहूं की फसलें जलमग्न हो गई। फसल बर्बाद होने से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। सूचना पर पहुंचे सिचाई विभाग के कर्मचारी कई घंटे अथक प्रयास के बाद रजवाहा को बांध पाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:00 PM (IST)
ओइना रजवाहा टूटी, 130 बीघे से अधिक गेहूं की फसलें डूबीं

जागरण संवाददाता, जलालपुर (जौनपुर): क्षेत्र के ओइना गांव के समीप मंगलवार की रात ओइना रजवाहा टूटने से तीन गांवों की लगभग 130 बीघे गेहूं की फसलें जलमग्न हो गई। फसल बर्बाद होने से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। सूचना पर पहुंचे सिचाई विभाग के कर्मचारी कई घंटे अथक प्रयास के बाद रजवाहा को बांध पाए। आरोप है कि लाखों रुपये अवमुक्त होने के बाद भी न तो नहरों की मरम्मत कराई गई, न ही साफ-सफाई हुई। सिचाई विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी उदासीन बने हैं।

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ओइना व बेला गांव की सरहद पर ओइना रजवाहा रात में टूट गई। बहाव तेज होने के कारण पानी तेजी से फैलते हुए ओइना, बेला और लहंगपुर गांवों की फसलों को अपने आगोश में ले लिया। इसकी सूचना विभाग के अधिकारी को दी गई। सुबह लगभग नौ बजे मेठ के साथ पहुंचे 12 कर्मचारियों ने रजवाहा को बांधना शुरू किया। छह घंटे के अथक परिश्रम के बाद किसी तरह सफलता मिली। बेला गांव के किसान उदय सिंह ने बताया कि फसल अभी छोटी थी। अधिक पानी भर जाने से पीली होकर बर्बाद हो जाएगी। बताया कि गांव की लगभग 70 बीघे गेहूं की फसलों को क्षति पहुंची है। वहीं ओइना गांव के रामचंद्र यादव समेत अन्य किसानों ने बताया कि गांव में करीब 50 बीघे गेहूं की फसल डूबी है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि शारदा सहायक की मड़ियाहूं-केराकत रजवाहा पहले भी त्रिलोचन से जगापुर के मध्य टूटी है। इसकी वजह से किसानों की फसलों की व्यापक पैमाने पर तबाही हुई थी। वर्जन--

नहरों की ससमय सफाई व मरम्मत कराई जाती है। रिसाव के कारण रजवाहा टूट गई। सूचना मिलने पर कर्मचारियों को भेजकर बंधवा दिया गया है। रजवाहा के पानी को ओइना ड्रेन में मोड़ दिया गया है।

-एसके रावत, जेई, सिचाई विभाग।


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