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ड्राइ¨वग के वक्त सेलफोन को ना कहने में ही भलाई

मोबाइल आज भले ही हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन पैदल चलते व वाहन चलाते वक्त इसका इस्तेमाल जान पर भारी पड़ सकता है। बदलते समय में ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल से बात करना आम हो गया है। कई बार लोग चालान से बचने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने वाले लोग अपना जीवन जोखिम में डालने के साथ ही दूसरों के लिए भी खतरा है। गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात दुर्घटना की बड़ी वजह के रूप में सामने आ रहा है। परिवहन विभाग की ओर से अभी तक ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइनल से बात करने वाले 33 लोगों का चालान किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:53 PM (IST)
ड्राइ¨वग के वक्त सेलफोन को ना कहने में ही भलाई

जागरण संवाददाता, जौनपुर: मोबाइल आज भले ही हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन पैदल चलते व वाहन चलाते वक्त इसका इस्तेमाल जान पर भारी पड़ सकता है। बदलते समय में ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल से बात करना आम हो गया है। कई बार लोग चालान से बचने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने वाले लोग अपना जीवन जोखिम में डालने के साथ ही दूसरों के लिए भी खतरा है। गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात दुर्घटना की बड़ी वजह के रूप में सामने आ रहा है। परिवहन विभाग की ओर से अभी तक ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल से बात करने वाले 33 लोगों का चालान किया है।

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खतरनाक है ईयरफोन: ड्राइ¨वग के दौरान तमाम वाहन चालक ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान ध्यानभंग होने से दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ईयरफोन लगाने की वजह से रेलवे ट्रैक पर भी कई जानें जा चुकी हैं।

नियंत्रण में रखें स्पीड: रफ्तार का कहर ¨जदगी पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में ड्राइ¨वग के दौरान स्पीड पर किसी भी कीमत पर नियंत्रण खोने न दें। जानकारों का भी यही कहना है कि गाड़ी उतनी ही गति से चलाएं, जितना नियंत्रण कर सकें।

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बच्चों को सीट बेल्ट से जरूर बांधे: कार चलाते वक्त सीट बेल्ट लगाने को आदत में शुमार करें। सफर के दौरान बच्चों को सीट बेल्ट जरूर लगाएं। ऐसा करने से दुर्घटना के समय बचाव हो सकेगा। गाड़ी में स्पीकर ऑन कर बात करने पर भी चालान अगर आप मोबाइल का स्पीकर से गाड़ी में बात करते हैं, तब भी सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करने पर आपका चालान काटा जा सकता है। परिवहन या ट्रैफिक पुलिस को जांच के बाद चालान करने का अधिकार है।

तीन महीने के लिए होता है लाइसेंस सस्पेंड

ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल से बात करने पर पहली बार पकड़े जाने पर चालान किया जाएगा, जबकि दूसरी बार तीन माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा। लगातार तीसरी बार भी इस आरोप में पकड़े जाने पर हमेशा के लिए लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

सड़क हादसे की संभावना ज्यादा पिछले साल के मुकाबले इस साल ड्राइव करते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल के ज्यादा मामले सामने आए हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल सड़क हादसे का सबब बन रहा है। इन बातों का रखें ध्यान - वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करें।- अगर मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो वाहन को सड़क के किनारे खड़ा कर लें- कोशिश करें कि ड्राइव करते समय मोबाइल को साइलेंट रखें- वाहन चलाते वक्त ईयरफोन का इस्तेमाल करने से बचें।

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ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल पर बात सड़क हादसों की प्रमुख वजहों में एक है। ड्राइ¨वग लाइसेंस में लगाई जा रही चिप में चालान के कारणों को कहीं भी चेक किया जा सकता है। ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल पर बात करते अबतक 33 लोगों पर कार्रवाई की गई है। तीसरी बार इस आरोप में पकड़े जाने वालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा और वह कहीं से भी दोबारा लाइसेंस नहीं बनवा सकेंगे।

उदयवीर ¨सह, एआरटीओ


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