शिक्षा से वंचित छात्रों के लिए वरदान, मोहल्ला स्कूल कार्यक्रम
जागरण संवाददाता केराकत (जौनपुर) वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जूनियर हाईस्कूल तक
जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर): वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जूनियर हाईस्कूल तक के विद्यालयों में ताला लटक रहा है। आनलाइन शिक्षा व्यवस्था में संसाधन विहीन गरीब-गुरबों के बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं। इस संकट काल में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा मोहल्ला स्कूल कार्यक्रम का प्रयोग उनके लिए वरदान साबित हो रहा है। शिक्षक मजरे में पहुंचकर बच्चों को जुटाकर वहीं पढ़ा रहे हैं। उनके इस प्रयास से बच्चों तक विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही पाठ्य सामग्री भी पहुंच जा रही है।
क्षेत्र के बढ़नपुर निवासी शिक्षक अमित कुमार बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से कोरोना काल से मोहल्ले में बच्चों को एकत्रित कर शिक्षा दे रहे हैं। शुरुआत कठिन हुई, लेकिन अब बच्चों की संख्या बढ़ रही है। लाकडाउन के समय में भी वह नियमित विद्यालय आते रहे। बच्चों के शिक्षा की लड़ी न टूटे यह ध्यान में रखते हुए उन्होंने शुरुआत में गांव के दो-तीन बच्चों के घर जाकर पढ़ाना शुरू किया। इस दौरान कुछ अभिभावकों ने विरोध किया, लेकिन शिक्षा का उद्देश्य समझने के बाद वह भी तैयार हो गए। तीन बच्चों से शुरू हुई कक्षा में आज बच्चों की संख्या लगभग पचास हो चुकी है। गांव के जय प्रकाश राम के घर के बाहर वह टाट-पट्टी बिछाकर बच्चों को पढ़ाते हैं। इसमें अधिकांश प्राइवेट स्कूल के बच्चे हैं। यह बच्चे समय से पूर्व आकर साफ-सफाई कर खुद टाट-पट्टी बिछाकर बैठ जाते हैं। अब गांव के लोग भी सहयोग करते हैं। शिक्षक अमित कुमार बताते हैं कि लाकडाउन के बाद स्कूल में खाली-खाली सा लगने लगा था। ऐसे में दरवाजे पर जाकर बच्चों को एकत्रित कर पढ़ाना शुरू किया। मेहनत हुई तो आज 50 की संख्या में बच्चे हो गए हैं। कोई भी बच्चा अनुपस्थित नहीं होता है। इसमें उनकी सहयोगी शिक्षिक सोनम सोनी भी पूरा साथ देती हैं।