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दान की जमीन पर बेलापार में बन रही आधुनिक लाइब्रेरी

वर्तमान परिवेश में एक-एक इंच भूमि के लिए लोग एक-दूसरे के खून तक के प्यासे हो जाते हैं, ¨कतु ऐसे लोगों के लिए बक्शा विकास खंड के बेलापार गांव निवासी शिक्षक दिनेश कुमार यादव उदाहरण बन चुके हैं, क्योंकि इन्होंने ज्ञान के प्रकाश को ग्रामीण क्षेत्र में फैलाने के अपनी एक बीघा जमीन ही दान कर दिया है। जहां अब डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 06:35 PM (IST)
दान की जमीन पर बेलापार में बन रही आधुनिक लाइब्रेरी
दान की जमीन पर बेलापार में बन रही आधुनिक लाइब्रेरी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : वर्तमान परिवेश में एक-एक इंच भूमि के लिए लोग एक-दूसरे के खून तक के प्यासे हो जाते हैं, ¨कतु ऐसे लोगों के लिए बक्शा विकास खंड के बेलापार गांव निवासी शिक्षक दिनेश कुमार यादव उदाहरण बन चुके हैं, क्योंकि इन्होंने ज्ञान के प्रकाश को ग्रामीण क्षेत्र में फैलाने के अपनी एक बीघा जमीन ही दान कर दिया है। जहां अब डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण किया जा रहा है।

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दिनेश बीएड कर शिक्षक बनने का सपना संजोए थे, ¨कतु वर्ष 2004 में एक नंबर कम होने से उसे साकार नहीं कर पाए और इसे लेकर दु:खी रहने लगे। हालांकि 2006 में इसी डिग्री पर उन्हें वरीयता मिली और वे गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र नियुक्त हुए। शिक्षण कार्य के दौरान उनकी कई प्रतिभावान छात्र-छात्राओं से मुलाकात हुई। वे सोचते कि ये बच्चे एक दिन गांव का नाम जरूर रोशन करेंगे। इसके चलते इन बच्चों के लिए खूब समय देते। इसी दौरान विशिष्ट बीटीसी में उनका चयन हो गया और वे बलरामपुर में सहायक अध्यापक बन गए। वर्तमान समय में बलरामपुर जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरैना कानूनो गांव में तैनात श्री यादव बताते हैं कि जब वह घर आए तो देखें कि जिन प्रतिभाशाली छात्रों को वे पढ़ाते थे उनमें अधिकांश ने आर्थिक कमजोरी के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ दिया। जिसे देख वे काफी दु:खी हुए और फिर ऐसे छात्रों के जीवन को संवारने के लिए 'पहल सेवा संस्थान' बनाया। शुरू में किराये की भवन पर लाइब्रेरी खोलें और नि:शुल्क में छात्रों को इसका लाभ मिलने लगा, लेकिन भवन स्वामी के लाइब्रेरी रुम को दूसरे कार्य में ले लिया। इसके बाद उन्होंने अपनी पुश्तैनी 15 बीघा में भूमि में एक बीघा जमीन ही लाइब्रेरी के नाम दान कर दिया। इससे प्रेरित होकर गांव सहित कई संभ्रांजन आगे आए। जिन्होंने तरह-तरह से मदद देने की घोषणा किया। इसी का नतीजा रहा है कि आज बेलापार में अत्याधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण हो रहा है। वह बताते हैं कि यह लाइब्रेरी दो हजार 600 स्क्वायर फीट में बन रहा है, शेष भूमि में पौध रोपण आदि की व्यवस्था की गई है। लाइब्रेरी में धार्मिक पुस्तकें भी रखी जा रही हैं। मुफ्त दी रही शिक्षा

डिजिटल पुस्तकालय में बीएड, बीटीसी, डीएलएड तथा शिक्षा मित्रों के लिए नि:शुल्क बाल शिक्षा मनोविज्ञान शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। पुस्तकालय के आस-पास स्थित गांव बबुरा, बेलापार, रीठी आदि स्थानों से प्रशिक्षु आ रहे हैं। प्राचार्य डा. अर¨वद कुमार यादव द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है।


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