अस्तित्व खो चुके तालाबों को मिला जीवनदान
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर) : जल संरक्षण के लिए 'दैनिक जागरण' द्वारा चलाए जा रहे अ
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर) : जल संरक्षण के लिए 'दैनिक जागरण' द्वारा चलाए जा रहे अभियान का असर अब दिखने लगा है। जागरण की खबर के चलते ऐसे पोखरों को भी नया जीवन मिला है जो अपना अस्तित्व खोकर समतल खेत में परिवर्तित होने की कगार पर जा पहुंचे थे। जोर पकड़ चुकी इस मुहिम से प्रेरित होकर ग्राम प्रधानों ने अब तक कई तालाब तैयार करा दिया है, जबकि कई की खोदाई अभी चल रही है।
तेज बारिश होने से पहले हर हाल में तालाबों को जल संरक्षण के लिए तैयार किया जाना है। इसके लिए प्रशासन ने भी पूरी ताकत लगा दी है। जागरण का यह अभियान लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनता जा रहा है। दैनिक जागरण के इस अभियान से जुड़े लोग तालाबों को संवारने की जो जिम्मेदारी लिए हैं, उसे मिशन मानकर अब पूरा करने में जुट गए हैं। खासकर युवा इस अभियान में खासी रुचि ले रहे हैं। लोग तालाबों की साफ-सफाई का काम लगभग पूर्ण कर चुके हैं। कहीं-कहीं नहर, नलकूप से जोड़कर इनमें पानी भी भर दिया गया है। पानी से सराबोर ये तालाब न सिर्फ लोगों के काम आ रहे हैं, बल्कि अपनी ओर आकर्षित भी कर रहे हैं। अब इन तालाबों के किनारे पौधरोपण संग सुंदरीकरण की तैयारी चल रही है। लोगों का कहना है कि जब तक इसे व्यवस्थित नहीं कर लेते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
6 तालाबों की खोदाई पूरी, तीन में भरा जा चुका है पानी
बदहाल व जर्जर हो चुके छह तालाबों की खोदाई का काम पूरा करके फाइनल टच दिया जा रहा है, जबकि तीन तालाबों की खोदाई के बाद पानी से सराबोर कर दिया गया है। नेवढि़या, चांदपुर व गोनापार गांव में स्थित तालाबों की साफ-सफाई कराकर उसे नहर से जोड़कर लबालब पानी से भर दिया गया। अब ये तालाब पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने समेत कई मायनों में लाभकारी साबित हो रहे हैं। नेवढि़या, सकरदेल्हा, सिकंदरा, सिकरारा, पुराबघेला व भुइला गांव में चयनित तालाबों की खोदाई का काम लगभग पूरा हो चुका है।
..ताकि जमीन के नीचे बना रहे पानी का खजाना
जमीन के नीचे पानी का खजाना बढ़ाने व सूखी धरती को हरा-भरा करने के लिए पांच गांवों में चेकडैम (लघु बांध) बनाया गया, ताकि यहां बारिश के पानी को जगह-जगह रोका जा सके। जागरण की पहल पर बढ़ौली नोनियान, सिकरारा, बांकी, सकरदेल्हा व फिरोजपुर प्रथम गांव में चेकडैम का निर्माण स्वयं गांव के लोगों ने श्रमदान से किया। सीमेंट की बोरियों में मिट्टी भर-भरकर लघुबांध बनाया गया।
वर्जन
दैनिक जागरण का अभियान प्रेरणादायक है। इससे प्रेरणा लेते हुए अपने आसपास के तालाबों व पोखरों को संवारने को आगे आना चाहिए। तालाबों का सुंदरीकरण कराकर इनके चारों तरफ पौधरोपण कराया जाएगा। कुछ ऐसे भी तालाब हैं, जहां अधिक जमीन होने पर उसे पिकनिक स्पाट की तरह विकसित किया जा सकता है।
-प्रीति तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी
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दैनिक जागरण का तालाब बचाओ अभियान प्रेरणादायक है। इससे जल भंडारण के स्त्रोत बचेंगे और भूजल स्तर भी इससे सुधरेगा। गांव के अन्य तालाबों व पोखरों का भी जल्द सुधार कार्य किया जाएगा।
-अर¨वद ¨सह प्रधान पति
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जागरण की पहल पर ऐसे पोखरे को चिह्नित किया गया जिसका अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका था। खोदाई पूरा कराने के बाद मन को काफी संतोष मिल रहा है। इस कार्य की जितनी सराहना की जाए कम है। -सुभाष ¨सह पूर्व प्रधान
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पानी के अभाव में धरती मां की कोख सूख रही है। हर जगह पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचा हुआ है। अगर गांव के तालाबों को संरक्षित न किया गया तो आने वाले दिनों में और भी परेशानी होगी।
-सालिक राम यादव