लोहिया आवास अधूरा, हक डकार गए अफसर
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अफसर सरकार की मंशा पर कैसे पानी फेरते हैं और लाभार्थिया
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अफसर सरकार की मंशा पर कैसे पानी फेरते हैं और लाभार्थियों का हक कैसे खाते हैं इसकी बानगी है यह खबर। बदलापुर विकास खंड के कछौरा गांव निवासी एक महिला लाभार्थी के सपनों के घर के लिए सरकार द्वारा दिए गए बजट को ही जिम्मेदारों ने जेब में डाल लिया। नतीजन वह तीन साल से ब्लाक से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों की दफ्तर में आकर गिड़गिड़ा रही है, ¨कतु संवेदनहीन हो चुके अफसर उसे नजर अंदाज करते जा रहे हैं।
सपा के शासनकाल में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिए लोहिया आवास योजना लागू की गई। आवास निर्माण के लिए 3 लाख 5 हजार रुपये कुल लागत निर्धारित की गई। इसमें 2 लाख 75 रुपये भवन निर्माण और 30 हजार रुपये सोलर लाइट में खर्च किया जाना शामिल है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में योजना के तहत समग्र ग्राम कछौरा निवासी उषा देवी पत्नी राय साहब ¨सह का चयन किया गया। गरीबी का दंश झेल रही उषा देवी को लाभ देने के पहले कई जांच से गुजरना पड़ा। पात्रता सूची में नाम होने के बाद आवास निर्माण हेतु बजट देने के लिए काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक बहरीपुर शाखा में खाता खोलवाया गया और खाता नंबर ब्लाक के माध्यम से जिले पर भेजा गया। यहां से निर्माण कार्य हेतु आनलाइन 1 लाख 37 हजार 500 रुपये भेजा गया, जो पहली बार उसे प्राप्त हुआ, ¨कतु द्वितीय किश्त के लिए धन की मांग करने पर ब्लाक से गलत खाता भेज दिया गया। इसमें बिना सत्यापन के ही यहां से धन भेज दिया गया। उधर द्वितीय किश्त 1 लाख 37 हजार 500 रुपये पाने के लिए लाभार्थी प्रधान, ब्लाक, तहसील दिवस, विकास भवन यहां तक पीडी, सीडीओ, डीएम तक से गुहार लगाना शुरू की, लेकिन आज तक उसे धन नहीं मिला।
वाराणसी का है बैंक खाता
विभागीय लोगों की मानें तो जांच में पता चला कि ब्लाक से जो बैंक खाता दिया गया है वह काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक वाराणसी क्षेत्र का है, जो अब बंद हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर वह खाता नंबर ब्लाक पर तैनात जिम्मेदार को कैसे मिला, जो उन्होंने जिले पर भेज दिया।
ऐसे हुए खुलासा
पीड़िता उषा बार-बार अधिकारियों का चक्कर काट रही हैं। वह कई बार पीडी पीके राय से भी मिलीं, जिन्होंने हर बार ब्लाक पर पत्र भेजा, ¨कतु उषा की समस्या का समाधान नहीं हुआ। एक दिन वह पुन: उनके पास आई और रो पड़ी, जिसे संज्ञान में लेते हुए पीडी ने खुद ही मामले की तह तक जाने का निर्णय लिया। जांच में पता चला कि आनलाइन साइबर क्राइम के तहत उसका धन गबन कर लिया गया है।
वर्जन
सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। इसे गंभीरता से लिया गया है। इसके लिए संबंधित बैंक और उनके वाराणसी के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक को भी पत्र भेजा गया है। पता लगाने का प्रयास किया गया कि आखिर धन कहां गया, लेकिन अभी तक जानकारी नहीं हो सकी है। इसपर ब्लाक स्तर के जिम्मेदारों को नोटिस जारी की गई है। साथ ही पुलिस से राय लेकर मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही की जा रही है। -पीके राय पीडी