बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के आरोपित को उम्रकैद
मड़ियाहूं थाना क्षेत्र में ननिहाल में आई 7 वर्षीय परी (काल्पनिक नाम) की दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपी दीपक जायसवाल को अपर सत्र न्यायाधीश रवि यादव ने आजीवन कारावास व 1 लाख 5500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: मड़ियाहूं क्षेत्र में ननिहाल आई सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपित दीपक जायसवाल को अपर सत्र न्यायाधीश रवि यादव ने आजीवन कारावास व एक लाख पांच हजार पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
बच्ची की मां ने एफआइआर दर्ज कराया था कि वह अपनी सात वर्षीय पुत्री के साथ मायके आई थी। 27 जनवरी 2016 को रोजाना की भांति शंकरजी के मंदिर के सामने बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी करीब 4 बजे शाम मिर्दहां मोहल्ले का दीपक जायसवाल आया और बच्ची को बिस्किट खिलाकर अपने साथ ले गया। कुछ देर बाद जब बेटी नहीं दिखी तो उसकी खोजबीन की। दीपक अपने घर पर नहीं मिला। वह शिव चित्र मंदिर मड़ियाहूं में मिला। वहीं छिपकर बैठा था। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दीपक से पूछताछ की। उसने स्वीकार किया कि बच्ची को बहला-फुसलाकर इंटर कालेज के एक कमरे में ले जाकर दुराचार किया। उसका मुंह दबाए था जिससे उसकी मौत हो गई। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बच्ची को स्कूल के बगल बाउंड्री के पास बिना दरवाजे के कमरे से बरामद कराया। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। एडीजीसी वीरेंद्र प्रताप मौर्य, राम प्रकाश सिंह व अतुल श्रीवास्तव ने नौ गवाहों को परीक्षित कराया। अभियोजन पक्ष ने विरल से विरलतम मामला बताते हुए मृत्युदंड की अपील की। कोर्ट ने अपने 47 पेज के आदेश में लिखा कि आरोपित का कृत्य उसकी घिनौनी मानसिकता को दर्शाता है। उसका स्वच्छंद समाज में रहना घातक है।
फांसी के लिए मां जाएगी हाईकोर्ट : इस घटना में दोषी को फांसी की सजा दिलाने के लिए मृतका की मां हाईकोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे अपराधी को फांसी की सजा होनी चाहिए थी। मड़ियाहूं दुष्कर्म हत्याकांड के मामले में मृतका की मां ने बताया कि घटना के साढ़े तीन वर्ष बाद भी आजतक उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला। इसके लिए कई बार मड़ियाहूं में लोगों ने प्रदर्शन भी किया। सरकार को कई बार पत्र भी लिखा गया। शुरू में आश्वासन दिया गया लेकिन आश्वासन कोरा साबित हुआ।