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जंग खा रही फेको' मशीन, उजाले पर ग्रहण

लेंस प्रत्यारोपण कर आंखों की ज्योति लौटाने की योजना पर ग्रहण लग गया है। जिला अस्पताल में फेको मशीन कई साल से जंग खा रही है वहीं लेंस आपूर्ति न होने का बहाना बनाकर मरीजों का शोषण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:31 PM (IST)
जंग खा रही फेको' मशीन, उजाले पर ग्रहण
जंग खा रही फेको' मशीन, उजाले पर ग्रहण

जागरण संवाददाता, जौनपुर: लेंस प्रत्यारोपण कर आंखों की ज्योति लौटाने की योजना पर ग्रहण लग गया है। जिला अस्पताल में फेको मशीन कई साल से जंग खा रही है वहीं लेंस आपूर्ति न होने का बहाना बनाकर मरीजों का शोषण किया जा रहा है। साधन संपन्न लोग तो प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में आपरेशन करा ले रहे हैं लेकिन तमाम गरीब-गुरबे अंधेरे में जीवन गुजारने को विवश हैं। जिम्मेदार इस खामी से अनजान हैं।

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राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत हर साल लक्ष्य निर्धारित करके लेंस प्रत्यारोपण किया जाता है। इसके लिए सप्ताह में दो दिन तय है वहीं जिला अस्पताल में हर दिन यह सुविधा प्रदान की गई है। वैसे तो यह अभियान सालभर चलता है लेकिन ठंड के सीजन में मरीज आपरेशन कराना अधिक बेहतर मानते हैं। व्यवस्था में खामी कहें या जिम्मेदारों की लापरवाही जिले में यह अभियान खानापूर्ति तक सीमित है। चस्मा व दवा के अभाव में कार्यक्रम प्रभावित है वहीं प्रशिक्षित चिकित्सक न होने के कारण छह साल से जिला चिकित्सालय की फेको मशीन जंग खा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक फेको विधि लेंस प्रत्यारोपण की आधुनिक पद्धति है। अस्पतालों में लेंस न होने और अच्छे ठंग से आपरेशन करने की बात कहते हुए एक हजार रुपये वसूला जाता है। गरीब मरीजों के साथ हो रहे शोषण को लेकर जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि आंख-कान मूंदे हुए हैं। जिले में लेंस प्रत्यारोपण की सुविधा उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय, लीलावती नेत्र चिकित्सालय, सीएचसी बदलापुर, सीएचसी केराकत, सीएचसी मछलीशहर में उपलब्ध है। वहीं जनपद के शाहगंज व मड़ियाहूं में लेंस प्रत्यारोपण की सुविधा नहीं है। सीएचसी मड़ियाहूं को पहले केंद्र बनाया गया था लेकिन चिकित्सक के अभाव में बंद कर दिया गया। वहीं शाहगंज पुरुष चिकित्सालय में भी दो साल पूर्व मशीन उपलब्ध कराई गई लेकिन लेंस प्रत्यारोपण नहीं होता। परीक्षण के बाद मरीजों को बदलापुर अथवा जिला अस्पताल भेज दिया जाता है।

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वर्जन

चश्मा व दवा के लिए टेंडर हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित कर दी गई है। आपूर्ति होते ही अभियान शुरू कर दिया जाएगा। शाहगंज में मशीन उपलब्ध है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के काम चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत मुफ्त लेंस प्रत्यारोपण की व्यवस्था है अगर कोई पैसा मांगता है तो इसकी शिकायत सीएमएम अथवा सीएमओ से करें।

डा.एससी वर्मा

नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम


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