किसान सम्मान योजना बनी वसूली का जरिया
केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में शुरू की गई किसान सम्मान योजना लेखपालों के लिए वसूली का जरिया बन गई है। पात्र होने के बावजूद सूची में नाम शामिल करने के नाम पर लेखपाल किसानों से धन वसूली कर रहे हैं। पैसे गंवाने वाले उच्चाधिकारियों से शिकायत करना तो दूर अपना नाम भी बताने से कतरा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर) : केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में शुरू की गई किसान सम्मान योजना लेखपालों के लिए वसूली का जरिया बन गई है। पात्र होने के बावजूद सूची में नाम शामिल करने के नाम पर लेखपाल किसानों से धन वसूली कर रहे हैं। पैसे गंवाने वाले उच्चाधिकारियों से शिकायत करना तो दूर अपना नाम भी बताने से कतरा रहे हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने दो हेक्टेयर के कम जोत के किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए किसान सम्मान योजना शुरु की है। आम बजट में इसे गत वर्ष दिसंबर से ही लागू करने का ऐलान किया है। उक्त धनराशि दो-दो हजार की तीन बराबर किस्तों में लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। सरकार की मंशा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कम से कम एक किस्त लाभार्थियों के खाते में भेज दी जाए। इसके लिए गांव-गांव में युद्धस्तर पर किसानों का रजिस्ट्रेशन कर पात्रता सूची तैयार की जा रही है। आरोप है कि सूची में नाम डालने के नाम पर कुछ लेखपाल किसानों से सुविधा शुल्क ले रहे हैं। संज्ञान में आने के बावजूद तहसील प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इस संदर्भ में पूछने पर एसडीएम शाहगंज राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि यदि लेखपाल किसी से योजना के लाभार्थियों की सूची में नाम दर्ज करने के लिए धनवसूली कर रहे हैं तो गलत बात है। जिस भी लेखपाल के खिलाफ ऐसी शिकाय मिलेगी, मामले की जांच कराकर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।