व्रत रख पुत्र के दीर्घायु की कामना
पुत्र की दीर्घायु-कामना के साथ मनाया जाने वाला ललही छठ व्रत शनिवार को परंपरागत ढंग से रखा गया। महिलाओं ने दही, महुआ व चावल चढ़ाकर ललही देवी का पूजन-अर्चन किया। महिलाओं ने व्रत के साथ पुत्र की दीर्घायु की कामना की। ललही छठ को लेकर सुबह से ही महिलाओं में उत्साह दिखा। थाल में दही, महुआ, चावल सहित अन्य पूजन सामग्री सजाकर महिलाएं तालाब व सरोवरों के किनारे स्थित ललही देवी के स्थान पर पहुंची। इस दौरान विधि-विधान से पूजन अर्चन किया गया। साथ ही महिलाएं ने सामूहिक रूप से गीत भी गाती रहीं। पौराणिक मान्यता है कि ललही देवी की पूजा करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति के साथ उनकी उम्र लंबी होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर तमाम लोग डीजे संग थिरकते हुए सरोवरों तक पहुंचे। ग्रामीण ही नहीं नगर क्षेत्र में भी तमाम महिलाओं ने इस व्रत को श्रद्धा के साथ रखा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: पुत्र की दीर्घायु-कामना के साथ मनाया जाने वाला ललही छठ व्रत शनिवार को परंपरागत ढंग से रखा गया। महिलाओं ने दही, महुआ व चावल चढ़ाकर ललही देवी का पूजन-अर्चन किया। महिलाओं ने व्रत के साथ पुत्र की दीर्घायु की कामना की। ललही छठ को लेकर सुबह से ही महिलाओं में उत्साह दिखा। थाल में दही, महुआ, चावल सहित अन्य पूजन सामग्री सजाकर महिलाएं तालाब व सरोवरों के किनारे स्थित ललही देवी के स्थान पर पहुंची। इस दौरान विधि-विधान से पूजन अर्चन किया गया। साथ ही महिलाएं सामूहिक रूप से गीत भी गाती रहीं। पौराणिक मान्यता है कि ललही देवी की पूजा करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति के साथ उनकी उम्र लंबी होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर तमाम लोग डीजे संग थिरकते हुए सरोवरों तक पहुंचे। ग्रामीण ही नहीं नगर क्षेत्र में भी तमाम महिलाओं ने इस व्रत को श्रद्धा के साथ रखा। हाथों में पूजा की थाल सजाए महिलाएं घाटों के पास पहुंची। बदलापुर क्षेत्र में माताओं ने बेटे की लंबी उम्र और मंगलकामना के लिए ललही छठ का व्रत रखा। पूजा-आराधना के बाद बेटे के लिए आशीष मांगा। सुबह से ही गांवों में उत्साह देखा गया। तालाब, जलाशयों के किनारे महुआ के पत्ते पर महुआ, दूब, तिन्नी का चावल, हल्दी, भैंस का दूध, दही व घी आदि चढ़ाकर छठ माता की पूजा के साथ आरती उतारी गई। माताओं ने बेटे की लंबी उम्र और मंगलकामना के लिए आशीष मांगा। सामूहिक रूप से छठ देवी की कथा सुनाई गई। लेदुका स्थित शिव मंदिर के करीब शीया माता के मंदिर पर पुरोहित महेंद्र कुमार दुबे ने महिलाओं को कथा सुनाई।