लंबे समय से चल रहा अवैध दवाओं का कारोबार
नकली व प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार का जौनपुर हब बन चुका है। इसमें लिप्त लोग आस-पास के जनपद ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल तक जाल फैलाए हैं।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: नकली व प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार का जौनपुर हब बन चुका है। इसमें लिप्त लोग आस-पास के जनपद ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल तक जाल फैलाए हैं।
बदलापुर स्थित एक मेडिकल स्टोर से गत चार नवंबर को औषधि निरीक्षक ने दो नकली दवाएं पकड़ी थी। इससे पूर्व गत वर्ष अक्टूबर में नगर के एक नर्सिंग होम के अस्पताल में भी दो दवाएं नकली मिली थीं। जांच में इन दवाओं में औषधि तत्व शून्य मिले थे। जलालपुर स्थित मेडिकल स्टोर से भी भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गई थी। वाराणसी डिवीजन के असिस्टेंट कमिश्नर केजी गुप्त व प्रभारी औषधि निरीक्षक अमित बंसल ने बक्शा स्थित मेडिकल स्टोर से गत वर्ष 16 दिसंबर को प्रतिबंधित दवा आक्सीटोसिन, नारकोटिक्स व नकली दवाएं बरामद कर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा लाइसेंस भी निरस्त कर दिया था। औषधि निरीक्षक निरीक्षक के अनुसार एक साल में 24 अधोमानक व नकली दवाएं उनके द्वारा पकड़ी गई हैं। अवैध व्यवसाय के खिलाफ पहले से ही सजग कर रहा संगठन
केमिस्ट एंड कास्मेटिक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र गुप्त ने कहा कि जनपद में प्रतिबंधित दवाओं व कफ सीरप का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। शाहगंज की बरामदगी इसका प्रमाण है। पकड़े गए लोग तो सिर्फ मोहरा हैं, असली खिलाड़ियों की गर्दन तक पुलिस प्रशासन के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। आरोप लगाया कि पिछले दिनों इसी प्रतिबंधित कफ सीरप के मामले को लेकर जिला मुख्यालय की पांच से ज्यादा थोक विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे, जिन्हें बाद में बहाल कर दिया गया।