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संक्रामक रोगों ने पसारा पांव अस्पतालों में बढ़ने लगी भीड़

जागरण संवाददाता, जौनपुर: बारिश के मौसम में संक्रामक व जल जनित बीमारियों ने पांव पसारना शु

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 06:27 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 11:21 PM (IST)
संक्रामक रोगों ने पसारा पांव अस्पतालों में बढ़ने लगी भीड़
संक्रामक रोगों ने पसारा पांव अस्पतालों में बढ़ने लगी भीड़

जागरण संवाददाता, जौनपुर: बारिश के मौसम में संक्रामक व जल जनित बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में पीलिया, चेचक, वायरल बुखार से पीड़ितों की भीड़ बढ़ने लगी है। बीमारियों का कारण बन रहा प्रदूषित जल व खाद्य पदार्थ। दूसरी तरफ तापमान में उतार- चढ़ाव व कई दिनों तक बारिश न होने भी बीमारियों का कारण बन रहा है।

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वर्षा ऋतु में पेयजल दूषित हो जाता है। जिसका सेवन करने वाले जल जनित पीलिया, डायरिया, टायफाइड व मच्छरजनित मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। पीड़ित लोगों की अस्पतालों में भीड़ उमड़ने लगी है। ग्रामीण अंचलों के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के न मिलने के कारण नीम-हकीमों से उपचार कराना मजबूरी है।

बच्चों के लिए दस्त जानलेवा

बारिश के मौसम में दस्त का प्रकोप बढ़ जाता है। इस मौसम में विभिन्न रोगों के जीवाणु ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा.मुकेश शुक्ल ने बताया कि दस्त पांच साल से कम उम्र के बच्चों की दूसरी बड़ी जानलेवा बीमारी है। आंकड़े के मुताबिक हर साल लगभग 7.5 लाख बच्चों की दस्त की चपेट में आने से मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से घबराएं नहीं बल्कि दस्त में राहत न मिलने, खून आने, तेज बुखार, पेट दर्द होने, लगातार उल्टी होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

दस्त के लक्षण:- बार-बार दस्त आना, बुखार आना, पेट में दर्द होना, मल में खून आना, सुस्ती आना व मुंह सूखना, मांस पेशियों में ऐठन होना, पेशाब कम करना।

कारण:- प्रदूषित खान-पान, गंदे हाथ से भोजन करना, जीवाणु, विषाणु, प्रोटोजोवा व फंगस के कारण संक्रमण, एलर्जी, आंत की बीमारी, आपरेशन के बाद आंत छोटी होना आदि।

बचाव:- शौच के बाद व खाना खाने से पूर्व हाथ साबुन से धोएं, साफ पानी उबालकर पीएं, भोजन ढंककर रखें। बासी व प्रदूषित खाद्य पदार्थों का प्रयोग न करें। छह माह तक के शिशुओं को केवल मां का दूध दें।

उपचार:- पर्याप्त मात्रा में ओआरएस का घोल दें, चावल का पानी, दाल का पानी, छाछ या मट्ठा दें। बच्चे को मां का दूध पिलाते रहें, टीकाकरण कराएं।

डेंगू के मुख्य लक्षण: जिला मलेरिया अधिकारी डा. वीपी ¨सह ने बताया कि डेंगू बुखार मादा एडीज एजिप्टी द्वारा फैलता है। अकस्मात तेज ज्वर, सिर, आंख व मांस पेशियों, कमर में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं।

बचाव के उपाय:- घर में कूलर, बाल्टी, घड़े के पानी को सप्ताह में दो बार अवश्य बदलते रहें। गड्ढों में जहां पानी एकत्र हो उसमें मिट्टी भर दें, यदि मिट्टी डालना संभव न हो तो उस गड्ढे के पानी में कुछ मिट्टी का तेल या डीजल छोड़ दें, सोते समय यथा संभव मच्छरदानी का प्रयोग करें, शरीर पर सरसों का तेल का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन की कमीज तथा मोजे आदि का प्रयोग करें। बालक व बालिकाओं को स्कूल जाते समय पूरे आस्तीन का कपड़ा पहनाकर भेजें। डेंगू का रोगी मिलने पर फा¨गग करवाएं, घर तथा आस-पास के वातावरण को स्वच्छ एवं साफ रखें, बुखार होने पर पैरासिटामाल की गोली खिलाएं, रोगी के गंभीर होने की दशा में निकट के अस्पतालों में भर्ती कराएं।


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