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जाग जाएंगे तो बच जाएगी जान वरना कोहरा बन जाएगा कहर

यातायात नियमों का पालन कर सड़क दुर्घटनाओं में न सिर्फ काफी हद तक कमी लाई जा सकती है बल्कि हादसे के दौरान मौतों को भी रोका जा सकता है। कोहरे के दौरान सड़कें महफूज नहीं रहती। ऐसे में सर्तकता प्रत्येक स्तर पर जरूरी है। जानकारों का कहना है कोहरे के दौरान तेज रफ्तार से वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा होता है। आम लोगों के लिए का जीवन सुरक्षित करने के लिहाज से ही अभी कुछ समय पहले जुर्माने की राशि में कई गुना बढ़ोतरी कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:06 AM (IST)
जाग जाएंगे तो बच जाएगी जान वरना कोहरा बन जाएगा कहर

जागरण संवाददाता, जौनपुर : यातायात नियमों का पालन कर सड़क दुर्घटनाओं में न सिर्फ काफी हद तक कमी लाई जा सकती है, बल्कि हादसे के दौरान मौतों को भी रोका जा सकता है। कोहरे के दौरान सड़कें महफूज नहीं रहती। ऐसे में सर्तकता प्रत्येक स्तर पर जरूरी है। जानकारों का कहना है कोहरे के दौरान तेज रफ्तार से वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा होता है। आम लोगों का जीवन सुरक्षित करने के लिहाज से ही अभी कुछ समय पहले जुर्माने की राशि में कई गुना बढ़ोतरी कर दी गई है। ऑनलाइन किए जा रहे चालान

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मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल 2019 लागू होने के बाद चालान ऑनलाइन किए जा रहे हैं। नए नियम के तहत तकरीबन 35 हजार वाहनों का चालान काट अभी तक नब्बे लाख रुपये वसूले गए हैं। चालान की रकम भारी-भरकम होने की वजह से जुर्माना भी कई गुना बढ़ गया है। ट्रैफिक के जवान आम लोगों से यातायात नियम नहीं तोड़ने की अपील भी कर रहे हैं। हालांकि अभी भी तमाम वाहन चालक नियमों की परवाह नहीं कर रहे हैं। अब भी नहीं बदल रही तस्वीर

सख्त नियम किए जाने के बाद भी तमाम वाहन चालक नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। मोटर साइकिल पर तीन सवारी के अलावा, वाहन चलाते वक्त मोबाइल से बात करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। नगर में अभी भी कायदे-कानून को धता बताते हुए मनमर्जी से वाहन चलाया जा रहा है। भारी भरकम जुर्माने के नियम को देखते हुए उम्मीद है कि जल्द ही यह तस्वीर बदली हुई नजर आएगी, जो अभी तक नहीं हो सका है। कोहरे के दौरान यही हल्की चूक गंभीर हादसों की वजह बनती हैं।

नियमों को सड़क पर रौंद कर चलाते हैं वाहन

वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने को लेकर अबतक के हुए प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। यहां नियमों को रौंद कर वाहन चलना आम बात है। इतना ही नहीं अप्रशिक्षित वाहन चालक बेखौफ होकर सड़कों पर मौत बनकर घूमते हैं। ऐसे नए प्रावधान के मुताबिक इस तरह के वाहन चालकों पर अभियान के तहत कार्रवाई करके न सिर्फ दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, बल्कि आम लोगों के सफर को भी आसान किया जा सकता है। कई बार दुर्घटनाएं दूसरों की गलती की वजह से भी होती है। ऐसे में संबंधित एजेसियों को नकेल सभी पर कसनी होगी। कोहरे में काल बनेंगी बिना फिटनेस दौड़ रही सवारी गाड़ी

सड़कों पर फर्राटे भर रहे तमाम वाहनों की मियाद पूरी हो चुकी है। ट्रकों व टैंकर भी निर्धारित गति से काफी तेजी से चलते हैं। ट्रकों का शायद ही कभी फिटनेस होता हो। प्राइवेट वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी भरना आम बात है। सबसे खराब स्थिति ग्रामीण इलाकों की है। नियमों को नहीं मानने वाले वाहन चालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। परिवहन विभाग की ओर से समय-समय पर ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन जल्द ही हालत पहले जैसे हो जाता है, लिहाजा जरूरी है कोहरा घना होने से पहले इस तरह के वाहनों पर भी कार्रवाई की जाए। बिना रिफ्लेक्टर लगे वाहनों पर कार्रवाई

परिवहन विभाग की ओर से बिना रिफ्लेक्टर लगे 261 भारी वाहनों का बीते माह चालान किया गया। कोहरे के दौरान ऐसे वाहन दुर्घटना का सबब बनते हैं। कार्रवाई के इस दायरे को और व्यापक किए जाने की तैयारी की गई है। जरूर लगवाएं रिफ्लेक्टर : कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाना महत्वपूर्ण है। परिवहन विभाग के अलावा ट्रैफिक पुलिस भी यह कार्य करती है, लेकिन खुद से भी वाहन चालकों में इसे लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। जागरण सुझाव

- कोहरे के दौरान वाहन में फाग लाइट जरूर लगाएं।

- घर से वाहन निकलने के पहले टायर, हवा व ब्रेक जरूर चेक करें।

- घने के कोहरे के दौरान वाहन की रफ्तार दस से 20 किमी प्रतिघंटे से अधिक न रखें।

- वाहनों के बीच निश्चित दूरी बनाकर चलें।

- ब्रेक लाइट जरूर जलती रहे।

- डिपर का भी इस्तेमाल करें।

बदल गया है नियम, पकड़े गए तो खाली होगी जेब

- बिना लाइसेंस पहले 500 रुपये, अब पांच हजार।

- बिना हेलमेट पकड़े जाने पर पहले सौ रुपये, अब 1000 रुपये।

- शराब पीकर वाहन चलाने पर पहले दो हजार रुपये, अब दस हजार देने होंगे।

- बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर पहले 100 रुपये, अब एक हजार रुपये।

- वाहन में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने पर प्रति यात्री एक हजार रुपये जुर्माना।

- नाबालिग को वाहन चलाते पकड़े जाने पर वाहन मालिक या उनके अभिभावकों को 25 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। साथ ही तीन वर्ष की जेल हो सकती है। इसके अलावा नाबालिग पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

- डिस्क्वालीफाई होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले 500 रुपये, अब 10,000 रुपये।

- ओवरस्पीड गाड़ी चलाने पर पहले 400 रुपये अब एक से लेकर दो हजार रुपये।

- रैश ड्राइव करते हुए पकड़े जाने पर पहले एक हजार रुपया था, अब पांच हजार रुपये।

- रेड लाइट जंप करने व वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करने पर पहले 100 रुपये जुर्माना अब 500 रुपये का जुर्माना व एक वर्ष की जेल भी।

- मोटरसाइकिल पर दो से अधिक लोगों के बैठने पर दो हजार रुपये जुर्माना व तीन महीने के लिए लाइसेंस रद। जागरूकता से दूर होगी मुश्किल

जुर्माने की राशि बढ़ाए जाने का मुख्य उद्देश्य वाहन चालकों का जीवन बचाना है। जीवन सुरक्षित बनाने को यातायात नियमों का पालन बेहद जरूरी है। कोहरे के साथ ही दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो जाता है, जिसे जागरूकता से रोका जा सकता है। कोहरे के दौरान सुरक्षित सफर को लेकर वाहन चालकों को जागरूक करने के साथ ही कार्रवाई भी की जा रही है।

-उदयवीर सिंह, एआरटीओ अभिभावक भी करें प्रेरित

यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की जा रही है। अभिभावकों को भी चाहिए कि वह अपने बच्चों को नियमों का पालन करने को लेकर दबाव डालें। बिना फिटनेस सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा। अभी तक बड़े पैमाने पर वाहन चालकों पर कार्रवाई की भी जा चुकी है।

-सुशील कुमार सिंह, सीओ, यातायात सख्ती भी जरूरी

हर वर्ष कोहरा काल बनकर आता है। यातायात नियमों का पालन नहीं करने के साथ ही जर्जर सड़कों से ही इस दौरान हादसे होते हैं। ऐसे में शासन को भी सख्ती बरतने की जरूरत है। खराब सड़क बनाने वाले अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों तक से जवाब-तलब होना चाहिए। सड़कें बनते ही टूटने पर ऐसे लोगों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। साथ ही नियम तोड़ने वाले ट्रक चालकों पर भी अभियान के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।

-बिरजू सिंह, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी नशे की प्रवृत्ति रोकना जरूरी

आज वाहन चलाते समय नशा करना एक फैशन सा हो गया है। दुर्घटना के दौरान अधिकतर वाहन चालक नशे में पाए जाते हैं। नशा कर सबसे अधिक वाहन चलाने वाले ट्रक चालक ही होते हैं। ऐसे लोग अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी काल होते हैं, जिनपर सबसे अधिक शिकंजा कसने की जरूरत। कानून के प्रति डर पैदा करने के लिए कार्रवाई बेहद जरूरी है।

-शिवी सिंह विद्यालयों में दी जाए प्रेरणा

सड़क हादसों में मरने वालों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में कालेजों में गोष्ठियों के माध्यमों से यातायात नियमों के पालन की सीख देने से तस्वीर में बदलाव हो सकता है। बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यह बेहद जरूरी हो गया है। नियम के साथ-साथ सड़कों को भी दुरुस्त करना होगा। आखिरकार वाहन चलती सड़कों पर ही है।

-राजेश साहू, व्यवसायी दुर्घटना से देर भली

जल्दी चाहे जितनी भी हो, वाहन कभी भी तेज गति से नहीं चलाना चाहिए। कोहरे के दौरान तो बिल्कुल नहीं। यातायात नियम के पालन की सभी बड़ी-बड़ी बातें भले करते हैं, लेकिन इसे मानते कम ही लोग हैं। नियम का पालन किए बिना हादसे रोक पाना संभव नहीं।

-स्वास्तिका, छात्रा


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