सामूहिक दुष्कर्म में आरोपियों व थानाध्यक्ष को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
बदलापुर थाना क्षेत्र के सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों व रिपोर्ट दर्ज न करने वाले थानाध्यक्ष सुनील दत्त को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने आरोपित की याचिका निरस्त कर दिया। वादिनी ने आदेश की कॉपी लगाते हुए आरोपितों व बदलापुर पुलिस पर सुलह के लिए दबाव डालने, आरोपितों की गिरफ्तारी न करने एवं आरोपियों को बचाने के लिए झूठा शपथ
जागरण संवाददाता, जौनपुर : बदलापुर थाना क्षेत्र के सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों व रिपोर्ट दर्ज न करने वाले थानाध्यक्ष सुनील दत्त को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने आरोपित की याचिका निरस्त कर दिया। वादिनी ने आदेश की कॉपी लगाते हुए आरोपितों व बदलापुर पुलिस पर सुलह के लिए दबाव डालने, आरोपितों की गिरफ्तारी न करने एवं आरोपियों को बचाने के लिए झूठा शपथ पत्र लोगों से लेने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में दरखास्त दिया। एसीजेएम पंचम कोर्ट ने थाने से जवाब तलब किया। एसीजेएम कोर्ट के आदेश पर सामूहिक दुष्कर्म करने के दो आरोपियों व रिपोर्ट दर्ज न कर कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी थाने में दर्ज की गई थी।
विदित हो कि 8 जून 2018 को रात 9:00 बजे शौच के लिए गई विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म का रामानुज व एक अन्य पर आरोप है। वादिनी का कहना है कि घटना के बाद जब वह थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराने गई तो थानाध्यक्ष ने पहले सुलह का दबाव बनाया। सुलह न करने पर उन्होंने गालियां देकर थाने से भगा दिया। न तो वादिनी की रिपोर्ट दर्ज की न मेडिकल कराया। वादी ने मुख्यमंत्री, डीजीपी व अन्य उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर आरोपियों व थानाध्यक्ष पर सामूहिक दुष्कर्म व पदीय कर्तव्यों की उपेक्षा व कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज हुई। प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए आरोपी हाईकोर्ट गया लेकिन हाईकोर्ट ने भी आरोपी की याचिका निरस्त कर दी और लोवर कोर्ट के आदेश को बहाल रखा। वादिनी ने एसीजेएम पंचम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लगाते हुए दरखास्त दिया कि पुलिस वाले जबरन सुलह का दबाव बना रहे हैं। आरोपियों व थानाध्यक्ष को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट ने थाना बदलापुर से जवाब तलब किया है।