दूसरी लहर से सीख लेकर सुधार में जुटा स्वास्थ्य महकमा
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी थी। चहुंओर प्राणवायु आक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। मुंहमांगी कीमत देने के बावजूद आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे थे। प्राइवेट अस्पतालों में बेड खाली रहने के बाद भी मरीजों को इसलिए भर्ती नहीं लिया जा रहा था कि उनके पास गंभीर मरीजों के लिए लाइफलाइन आक्सीजन ही नहीं था।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी थी। चहुंओर प्राणवायु आक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। मुंहमांगी कीमत देने के बावजूद आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे थे। प्राइवेट अस्पतालों में बेड खाली रहने के बाद भी मरीजों को इसलिए भर्ती नहीं लिया जा रहा था कि उनके पास गंभीर मरीजों के लिए लाइफलाइन आक्सीजन ही नहीं था। कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेकर सुधार में स्वास्थ्य विभाग जुटा है। यही कारण है कि स्थानीय स्तर पर पर्याप्त आक्सीजन की उपलब्धता की जा रही है।
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के लिए आक्सीजन लाइफ लाइन साबित हुआ था। अचानक मांग बढ़ने के साथ ही संकट गहरा गया था। आपूर्तिकर्ता अवसर का लाभ उठाते हुए कालाबाजारी तेज कर दिए थे। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में नियमित मांग के अतिरिक्त महामारी के कारण खपत चार गुना बढ़ गई थी। कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने आक्सीजन आपूर्ति की कमान अपने हाथ में ले ली थी। इससे बाद भी अधिकांश अस्पतालों में मरीजों को इसलिए भर्ती नहीं किया जाता था, क्योंकि वहां आक्सीजन नहीं था।
तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी उपचार में बाधा न बने इसलिए प्रदेश सरकार पर्याप्त व्यवस्था कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के पास जहां 591 आक्सीजन कंसंट्रेटर हैं वहीं 13 आक्सीजन प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। इसमें सात तैयार भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं छोटे व बड़े सिलेंडरों की भी पर्याप्त उपलब्धता है। रिफीलिग के लिए दूसरे जिले में नहीं जाना होगा
जौनपुर : जनपद में दूसरी लहर के समय एक भी आक्सीजन प्लांट नहीं थे। तीन लाइसेंसी आक्सीजन गैस वितरकों के अलावा करीब दस अन्य लोग प्लाटों से लाकर प्राइवेट अस्पतालों, फैक्ट्रियों आदि को आपूर्ति करते हैं। जिले में इलाहाबाद व वाराणसी के प्लांटों से आपूर्ति होती है। दूसरी लहर में कोविड का संक्रमण बढ़ने से अचानक आक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ जाने से प्लांटों से आक्सीजन मिलना मुश्किल हो गया था। शासन के निर्देश पर 20 से 25 घंटे कतार में लगने के बाद आक्सीजन मिल पाया। अब ऐसी स्थिति नहीं होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तैयार हो रहे प्लांटों से पर्याप्त उपलब्धता हो जाएगी। प्राइवेट अस्पताल भी तैयार
जौनपुर : दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से जूझने वाले बड़े नर्सिंग होम भी इस बार तैयारी कर लिए हैं। अधिकांश अस्पतालों में आक्सीजन कंसंट्रेटर के अतिरिक्त बड़े और छोटे सिलेंडरों की उपलब्धता दो गुना बढ़ गई है। जनपद में आक्सीजन के उपलब्धता की स्थिति
500 एलपीएम क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट : 02
330 एलपीएम क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट : 01
200 एलपीएम क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट : 01
80 एलपीएम क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट : 02
50 एलपीएम क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट : 07
सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन कंसंट्रेटर : 591
सरकारी अस्पतालों में बड़े सिलेंडरों की उपलब्धता : 381
सरकारी अस्पतालों में छोटे सिलेंडरों की उपलब्धता : 246
------------------ जनपद में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए 13 आक्सीजन प्लांटों में सात तैयार हो गए हैं। आक्सीजन कंसंट्रेटर के अलावा एल-1, एल-1 प्लस, एल-टू अस्पतालों में सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई वाले बेडों की संख्या बढ़ाई गई है। अब आक्सीजन के लिए दूसरे जनपद में नहीं जाना होगा।
- डा. जेएसबी लक्ष्मी, मुख्य चिकित्साधिकारी।