Move to Jagran APP

अस्थाई जेल में तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत

लाइन बा•ार थाना क्षेत्र के प्रसाद कालेज में बनाए गई अस्थाई जेल में निरुद्ध तब्लीगी जमात के जिला प्रमुख नसीम अहमद का मंगलवार की रात हार्ट अटैक से इंतकाल हो गया। वह 64 वर्ष के थे। बुधवार को सवेरे पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाने के लिए स्वजनों को सिपुर्द कर दिया गया। लाइन बा•ार थाना क्षेत्र के प्रसाद कालेज में बनाए गई अस्थाई जेल में निरुद्ध तब्लीगी जमात के जिला प्रमुख नसीम अहमद का मंगलवार की रात हार्ट अटैक से इंतकाल हो गया। वह 64 वर्ष के थे। बुधवार को सवेरे पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाने के लिए स्वजनों को सिपुर्द कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 10:19 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 10:19 PM (IST)
अस्थाई जेल में तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत
अस्थाई जेल में तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत

जागरण संवाददाता, जौनपुर: लाइन बा•ार थाना क्षेत्र के प्रसाद कालेज में बनाई गई अस्थाई जेल में निरुद्ध तब्लीगी जमात के जिला प्रमुख नसीम अहमद (64) की मंगलवार की रात मौत हो गई। मौत की वजह प्रशासन हृदयगति रुकना बता रहा है। बुधवार की सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाने के लिए स्वजनों को सिपुर्द कर दिया गया।

loksabha election banner

दिल्ली निजामुद्दीन से जमात से लौटे लोगों के साथ पुलिस ने जिले में छिपे होने पर दो अप्रैल को जमातियों के साथ नसीम अहमद को भी गिरफ्तार किया था। इस दौरान नसीम के विरुद्ध कई संगीन धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने उन्हें अन्य जमातियों के साथ पहले शिया कालेज में क्वारंटाइन के लिए रखा। जहां से बाद में प्रसाद कालेज भेज दिया गया। यह हार्ट की बीमारी से ग्रसित थे। इस दौरान नसीम का कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए नमूना भेजा गया। दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने के पश्चात प्रशासन ने उन्हें प्रसाद कालेज में बने अस्थाई जेल में निरुद्ध कर दिया था। गत 28 अप्रैल को तबियत बिगड़ने पर प्रशासन ने इलाज के लिए बीएचयू वाराणसी भेजा था। ठीक होने पर पुन: अस्थाई जेल में भेज दिया गया। दोबारा तबियत बिगड़ने होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से भी इलाज के बाद छुट्टी हो जाने पर अस्थाई जेल में रखा गया था। मंगलवार को आधी रात के बाद जेल में उनकी तबियत पुन: अचानक खराब हो गई। आनन-फानन जिला अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। नसीम के भाई तुफैल का आरोप है कि भाई हृदय की बीमारी से ग्रसित थे। पीजीआइ से दवा चल रही थी। कई बार प्रशासन से आग्रह किया गया कि घर जाने दें इसके बदले जो भी जमानत कहें दे दूं। फिर भी मेरी नहीं सुनी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.