पहली बार मां बनने वाली 1401 महिलाओं ने किया आवेदन
जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रसव के दौरान होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और सुर
जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रसव के दौरान होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने एक और नई पहल शुरु किया है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पांच हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। दो माह में 1401 महिलाओं का आन लाइन आवेदन किया है।
गर्भधारण के दौरान पोषक तत्वों की कमी और असुरक्षित प्रसव के कारण बड़ी संख्या में मातृ व शिशु मृत्यु दर भारत में बहुत अधिक था। इसमें कमी लाने और कुपोषण से बचाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजनाओं का अपेक्षित लाभ भी दिखने लगा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का शुभारंभ जनपद में 31 अक्टूबर को किया गया है।
इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पांच हजार रुपए मिलेंगे। इसके लिए गांवों में तैनात आशा और एएनएम के माध्यम से सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकृत लाभार्थियों का बायोडाटा केंद्र सरकार के पोर्टल पर डाला जाएगा। सत्यापन के बाद स्टेट नोडल अधिकारी द्वारा लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजी जाएगी। तीन चरणों में होगा भुगतान
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लाभार्थियों को अनुदान राशि तीन चरणों में दिया जाएगा। गर्भधारण के बाद पंजीकरण कराने पर प्रथम चरण में एक हजार, छह माह के भीतर प्रसव पूर्व जांच हेतु दो हजार, प्रसव के बाद 45 दिन के भीतर शिशु के टीकाकरण आदि के लिए दो हजार रुपए भुगतान किया जाएगा। जननी सुरक्षा योजना का भी मिलेगा लाभ
पहली बार गर्भ धारण करने वाली माताओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के साथ ही जननी सुरक्षा योजना का भी लाभ दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में प्रसव होने पर 14 सौ और जिला अस्पताल में एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
-------------- प्रथम बार गर्भ धारण करने वाली महिलाओं का आशा व एएनएम के माध्यम से सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीकरण कराया जा रहा। जनपद में अब तक 1401 पात्र महिलाओं ने आवेदन किया है। राज्य स्तर पर उनके खाते में पहली किस्त भेजने की प्रक्रिया चल रही है। शहरी इलाके में जल्द ही योजना लागू हो जाएगी।
डा.ओपी ¨सह
मुख्य चिकित्साधिकारी