फर्जी शिक्षक बर्खास्त, पत्नी का रोका गया वेतन
फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया जबकि पत्नी की डिग्री संदिग्ध होने पर वेतन रोका गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा साल के अंतिम दिन की गई कार्रवाई से पिछले दरवाजे से नौकरी करने वाले शिक्षकों में खलबली है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि पत्नी की डिग्री संदिग्ध होने पर वेतन रोका गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा साल के अंतिम दिन की गई कार्रवाई से पिछले दरवाजे से नौकरी करने वाले शिक्षकों में खलबली है।
सुजानगंज थाना क्षेत्र के भाऊपुर निवासी सुनील कुमार यादव पुत्र कामता प्रसाद यादव ने वर्ष 2008 में विशिष्ट बीटीसी (विशेष चयन) के तहत बीए और बीएड का फर्जी अंकपत्र लगाकर आजमगढ़ जनपद के अहरौला ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खालिसपुर में सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी प्राप्त कर ली। बाद में वर्ष 2016 में अर्न्तजनपदीय स्थानांतरण कराते हुए जौनपुर के सुइथाकला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय जुनेदपुर में तैनाती प्राप्त कर ली। यहां से म्युचुवल ट्रांसफर कराते हुए अपने पैतिृक ब्लाक सुजानगंज के कपूरपुर प्राथमिक विद्यालय में आ गया। इस शिक्षक के खिलाफ मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के कान्धापुर निवासी उमाशंकर गुप्त ने मुख्यमंत्री के शिकायती पोर्टल आईजीआरएस व बीएसए डा. राजेन्द्र सिंह से की। जिसकी गोपनीय जांच बीएसए ने चित्रकूट के जगतगुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय से कराई। वहां के उप कुल सचिव परीक्षा नियंत्रक ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया कि इस नाम व पता का कोई भी छात्र हमारे यहां से बीए और बीएड नहीं किया है।
रिपोर्ट आते ही बीएसए डा. राजेंद्र सिंह ने उक्त शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस संबंध में बीएसए डा. सिंह ने बताया कि जौनपुर में नौकरी के दौरान 22 लाख और आजमगढ़ में तैनाती के समय 30 लाख रुपये लिए गए वेतन की रिकवरी के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी नन्दराम कुरील को निर्देशित कर दिया गया है। आरोपित के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत कराया जाएगा। बीएसए ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय भाऊपुर में तैनात बर्खास्त शिक्षक की पत्नी सीमा की भी डिग्री संदिग्ध होने पर वेतन रोकते हुए जांच का आदेश दिया गया है।