लोकसभा चुनाव के लिए आई एम-3 मॉडल की ईवीएम
जागरण संवाददाता जौनपुर लोकसभा चुनाव हाईटेक ईवीएम से होगा। इसके लिए एम-3 माडल की ईवीएम आ गई है। इस मशीन से चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ कराने में मदद मिलेगी। अभी तक एम-2 मॉडल की मशीन से चुनाव कराए जा रहे थे। परीक्षण के बाद मशीन को सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया है वहीं सभी बूथों पर इस बार वीपीपैट का भी प्रयोग किया जाएगा। इससे पूर्व वर्ष 2017 में सिर्फ सदर विधानसभा चुनाव में पीपीपैट की व्यवस्था थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : लोकसभा चुनाव हाईटेक ईवीएम से होगा। इसके लिए एम-3 माडल की ईवीएम आ गई है। इस मशीन से चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ कराने में मदद मिलेगी। अभी तक एम-2 मॉडल की मशीन से चुनाव कराए जा रहे थे। परीक्षण के बाद मशीन को सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया है वहीं सभी बूथों पर इस बार वीपीपैट का भी प्रयोग किया जाएगा। इससे पूर्व वर्ष 2017 में सिर्फ सदर विधानसभा चुनाव में पीपीपैट की व्यवस्था थी।
राजनीतिक दलों के ईवीएम के विरोध को देखते हुए चुनाव आयोग ने नए मॉडल की ईवीएम व पीपीपैट लांच किया है। वजह कि कई जगह शिकायत सुनने को मिलती थी कि बटन को दबाने पर वीवीपैट पर्चा एक खास दल के नाम निकलने की शिकायतें भी हुई थी। अब नए मॉडल में मशीन का आकार छोटा है। जिले में कुल बूथों की संख्या 3455 है। इसके सापेक्ष जिले में ईवीएम की पांच हजार 781 बैलेट यूनिट व चार हजार 216 यूनिट आई है। वहीं चार हजार 491 वीपीपैट लगाए गए हैं। इस बाबत सहायक निर्वाचन अधिकारी बृजेश चौबे ने बताया कि एम-3 मॉडल के ईवीएम व वीवीपैट मशीनों से चुनाव होगा। इसके लिए मशीने आ गई है। यह कुल बूथों के सापेक्ष 30 फीसद अधिक रखी जाती है, जिससे किसी प्रकार की खराबी होने पर उसको बदला जा सके। सभी मशीनों की जांच करके उसको सुरक्षित रखा गया है। क्या है एम-3 मॉडल की ईवीएम मशीन :-
साधारण शब्दों में कहें तो एम-3 ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीन का थर्ड जनरेशन है। चुनाव आयोग ने इस ईवीएम को मार्क-3 नाम दिया है। नेक्स्ट जनरेशन मार्क-3 की विशेषता यह है कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता। इसको दोबारा लिखा भी नहीं जा सकता। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यदि कोई ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा या इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगा। छेड़छाड़ करने पर फोटो भी दर्ज हो जाएगी। क्या है वीपीपैट मशीन :-
वोटरवेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट में वोट डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची निकलती है। इस पर उम्मीदवार को वोट दिया गया है। उनका नाम और चुनाव चिन्ह छपा होता है। यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके।