नापाक नजरों पर नजर रखना जरूरी
जासं, जौनपुर : आदमी कितना घिनौना हो गया है, हवस के हाथों खिलौना हो गया है। यकीनन ये दर्द
किसी बच्चे के प्रति किसी की नीयत गंदी है, किसके दिमाग में शैतान की सवारी है, यह अनुमान लगाना आसान तो नहीं है, फिर बच्चों के तीमारदारों को यह तो ध्यान रखना ही चाहिए कि उनके बच्चों के प्रति किसी का नजरिया गंदा तो नहीं है। यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे के शारीरिक अंगों को स्पर्श करता है या वैसा स्वयं अपने साथ करने के लिए बच्चे को फुसलाता है तो पक्का है कि वह बच्चे के प्रति गंदी दृष्टि रखता है। मां-बाप को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।
नग्न चित्र दिखाना या अश्लील हरकतें भी व्यक्त कर सकता है। ऐसे में हमें सावधान हो जाना चाहिए। आ¨लगन भी चलन बढ़ा है। ये हरकतें भविष्य के लिए खतरा बन सकती हैं। इसलिए नापाक नजरों पर नजर जरूरी हैं।
बचाव ही बेहतर उपाय
बाल-यौन शोषण खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है, अत: बचाव के प्रति सतर्कता अपरिहार्य है। आपके लिए जरूरी है कि बच्चे की दिनभर की बातों को सुनने की कोशिश करें तथा यह तय करें कि सब ठीक है न। लड़कियों की उम्र बढ़ने के साथ ऐसी दुर्घटना की संभावना भी बढ़ती है, इसे समझिए, सतर्क हो जाइए। यौन-शोषक आज को यकीन में लेना चाहेगा, परंतु होशियार रहें, बच्चियां किसी के साथ बाहर जाए, उन्हें यह भी बताइए कोई अपना या परिचित भी गलत आचरण कर सकता है। उन्हें यह भी बताएं कि संकट की दशा में सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत सूचना दें।
-डा.आरएन ¨सह
-लेखक बीएचयू मनोविज्ञान विभाग के पूर्व प्रोफेसर हैं।