कुपोषण से जंग को आंगनबाड़ी केंद्रों पर रोपे जाएंगे सहजन के पौधे
कुपोषण से जंग जीतने को अब प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कुपोषण से जंग जीतने को अब प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके अलावा चिन्हित कुपोषित बच्चों के घर भी सहजन का पौधा लगाया जाएगा। बाल विकास परियोजना की ओर से 98 हजार पोधों का रोपण किया जाएगा। पौधों की उपलब्धता वन विभाग कराएगा, जिसे लगाने की जिम्मेदारी बाल विकास परियोजना की होगी। सहजन के प्रयोग से गर्भवती महिलाओं का जहां स्वास्थ्य दुरुस्त होगा, वहीं बच्चों का कुपोषण भी दूर किया जा सकेगा।
शासन के सार्थक प्रयास से अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा जिले में 11 हजार 741 से घटकर 6500 पर पहुंच गया है। इसे और कम करने की कवायद चल रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह पहल भी इसी अभियान का हिस्सा है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए पंजीरी की व्यवस्था बंद करते हुए बच्चों तक घी-दूध पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य की जांचकर आयरन व अन्य प्रकार के विटामिन की गोलियां दी जा रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह डोर-टू-डोर जाकर जच्चा व बच्चा का ख्याल रखें। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधों के रोपण से बच्चों की सेहत में और सुधार आने की बात कही जा रही है।
गुणों की खान है सहजन
सहजन गुणों की खान है। इसमें विटामिन ए, बी व सी तो मिलता ही है। इसके सेवन से कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन भी प्राप्त होता है। इतना ही नहीं इसकी आबोहवा से आसपास का वातावरण भी शुद्ध रहता है। ऐसे में वृहद पैमाने पर इसके पौधे लगाए जा रहे हैं।
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शासन के नित नए प्रयास से कुपोषित बच्चों का आंकड़ा कम हुआ है। कोशिश है कि इसे और कम किया जाय। इसी कड़ी में आंगनबाड़ी के सभी 5321 केंद्रों पर स्थान की उपलब्धता के हिसाब से जुलाई से अभियान के तहत सहज के पौधों का रोपण कराया जाएगा।
-राकेश कुमार मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी।