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अमृतसर में हुए हादसे से भी नहीं ले रहे सीख

दशहरा के दिन अमृतसर में हुए हादसे की कहानी सुनकर लोगों के रोंकटे खड़े हो जा रहे हैं। हो भी क्यों न, जो यहां भी कुछ इसी तरह की लापरवाही की जा रही है। जी हां रेलवे पटरियों के किनारे कब्जे की बात ही छोड़िए, दस दिन पहले कुछ इसी तरह के मेले का आयोजन वाराणसी-जफराबाद रेल प्रखंड के बीच मड़इया गांव में भी किया गया था। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने सब के बाद भी जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 10:26 PM (IST)
अमृतसर में हुए हादसे से भी नहीं ले रहे सीख

जागरण संवाददाता, जौनपुर : दशहरा के दिन अमृतसर में हुए हादसे की कहानी सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। हो भी क्यों न, जो यहां भी कुछ इसी तरह की लापरवाही की जा रही है। जी हां रेलवे पटरियों के किनारे कब्जे की बात ही छोड़िए, दस दिन पहले कुछ इसी तरह के मेले का आयोजन वाराणसी-जफराबाद रेल प्रखंड के बीच मड़इया गांव में भी किया गया था। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने सब के बाद भी जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं।

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रेलवे किनारे पटरियों पर कब्जे की शिकायतें बढ़ती जा रही है। उदाहरण के तौर पर जौनपुर जंक्शन को ही ले लीजिए। यहां प्लेटफार्म नंबर पांच के बगल में लोगों ने अस्थाई अतिक्रमण किया है। इतना ही नहीं यहां से करीब एक किमी आगे भी यही स्थिति हैं। आश्चर्य की बात तो यह कि जिम्मेदार इन्हें नोटिस देकर मानो भूल गए हैं, जिसके चलते ये आसानी से अपना कब्जा जमाए हैं। इसी तरह नगर में सिटी स्टेशन के आस-पास और बादशादशाहपुर रेलवे स्टेशन के क्रा¨सग पर देखने को मिलता है, जिन्हें जिम्मेदार हटाने की तो बात दूर, टोकना तक उचित नहीं समझते हैं। ऐसे में स्थिति यह है कि मोची तक के काम करने वाले अपना स्थान बना लिए हैं। मड़ियाहूं नगर के शिवाजी नगर में रेलवे ट्रैक से मात्र 20 से 30 फीट की दूरी पर कई मकान बने दिखाई पड़ते हैं। वाराणसी रोड पर ट्रैक से 15 से 20 फुट की दूरी पर कई दुकानें भी हैं, जबकि इसी रेल प्रखंड पर वाराणसी रोड स्थित रेलवे क्रा¨सग पर भी 30 से 35 फीट की दूरी पर मकान बनाए गए हैं। वाराणसी-जफराबाद रेल प्रखंड पर हौज शिवाला के बगल लोगों ने घर बना लिया है। मुफ्तीगंज इलाके में हनुवाडीह गांव की आबादी के बीच से ही रेलवे लाइन गुजरी है। इस गांव के संजय दुबे, भीखी विश्वकर्मा कहते हैं कि जब भी रेलवे लाइन से ट्रेन गुजरती है तो उसकी दन-दनाहट से हम लोगों के घरों में भी कंपन रहती है। हम लोग हमेशा भय के साए में रहते हैं। कुछ इसी तरह धर्मापुर ब्लाक के बालेमऊ, इकौना, गंगौली आदि गांवों में देखने को मिलता है। जहां गांव के पास भी रेलवे लाइन के आस-पास घर दिख जाएंगे, जो धीरे-धीरे रेलवे की भूमि पर कब्जा जमा रहे हैं। -कार्य निरीक्षक अधिकारी की तरफ से समय-समय पर सीमांकन किया जाता है, जो अतिक्रमण की श्रेणी में आता है उसे चिन्हित कर गिरा दिया जाता है।

-रामजी उपाध्याय, स्टेशन अधीक्षक मड़ियाहूं -रेलवे की पटरियों के किनारे अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने काम आईओडब्लू का है, फिर भी अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिया गया है। जल्द ही अभियान चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -वीएन ¨सह प्रभारी आरपीएफ, जौनपुर जंक्शन


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