जेल में बागपत जैसी घटना की न हो पुनरावृत्ति, दें ध्यान
जागरण संवाददाता, जौनपुर : बागपत जेल में हुई माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद एक ब
जागरण संवाददाता, जौनपुर : बागपत जेल में हुई माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद एक बार फिर जेलों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसे में फिर किसी जेल में बागपत जैसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए को लेकर उच्चाधिकारी गंभीर हो गए हैं। पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए आइजी जेल ने पत्र भेजकर जेल अधीक्षकों को अलर्ट किया है। डीआईजी जेल वाराणसी के माध्यम से आए पत्र के बाद यहां जेल प्रशासन भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही बैरकों में चे¨कग तेज कर दी है।
जिला कारागार की क्षमता 320 बंदी की है, जबकि यहां आठ जुलाई तक 965 बंदी थे। इनमें श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट कांड में फांसी की सजा पाए औबेदुर्रहमान और विचाराधीन बंदी नफीकुल विश्वास, हिलाललुद्दीन उर्फ हिलाल जैसे नामचीन भी शामिल हैं। यहां सुरक्षा के मानक भी अपर्याप्त हैं, हालांकि बंदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 20 सीसी कैमरे लगाए गए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय में रिकार्डिंग तो कैमरे से हो रही है, लेकिन उसकी फुटेज देखने के लिए लगाई गई टीवी खराब हो गई है। यह अलग बात है कि इसके लिए जेल प्रशासन ने पत्र लिखा है। जेल अधीक्षक एके मिश्रा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि आईजी जेल का पत्र डीआईजी के माध्यम से मिला है, जिसमें बागपत की घटना को संज्ञान में लेते हुए अलर्ट किया गया है कि जेल में मौजूद सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाए। साथ ही बैरकों की तलाशी तेज कर दी जाए ताकि किसी प्रकार की घटना का सामना न करना पड़े। विदित हो कि जिला कारागार में वर्ष सितंबर 2003 हुए बवाल के दौरान बंदियों ने फैजाबाद निवासी बंदी रक्षक सुनील की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। 18 घंटे तक जेल में पत्थरबाजी हुई थी। इतना ही नहीं जेल की दीवारों पर भी बंदी चढ़कर प्रदर्शन किए थे। इसके बाद कई बार जेल के अंदर छिटपुट घटनाएं हुईं। एक बार तो महिला बंदी रक्षक के साथ छेड़खानी से उपजे विवाद में बंदियों ने जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान बक्शा थाना क्षेत्र के लखौवा निवासी बंदी श्याम कुमार यादव की पिटाई के चलते मौत हो गई थी, जबकि कई बार हथियार, महंगी विदेशी सिगरेट और मोबाइल, ईयर फोन आदि प्रतिबंधित वस्तुओं मिल चुकी हैं। विभागीय लोगों के मुताबिक एक बार तो जिला जेल में किसी हत्या करने की पूरी तैयारी चल रही थी, जिसे प्रशासन ने नाकाम कर दिया था।