Move to Jagran APP

तलाक पीड़ितों, वकीलों ने किया अध्यादेश का स्वागत, मौलानाओं को एतराज

तीन तलाक पर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। वकीलों और तलाक पीड़ित महिलाओं ने इसे उचित बताया तो मौलानाओं की राय में यह राजनीति से प्रेरित है। इस पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। तीन तलाक संबंधी कानून पारित होने से न केवल पीड़ित पत्नी बल्कि उसके बच्चों व माता-पिता को भी राहत मिलेगी। प

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 09:00 PM (IST)
तलाक पीड़ितों, वकीलों ने किया अध्यादेश का स्वागत, मौलानाओं को एतराज
तलाक पीड़ितों, वकीलों ने किया अध्यादेश का स्वागत, मौलानाओं को एतराज

जागरण संवाददाता, जौनपुर : तीन तलाक पर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। वकीलों और तलाक पीड़ित महिलाओं ने इसे उचित बताया तो मौलानाओं की राय में यह राजनीति से प्रेरित है। इस पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है।

loksabha election banner

तीन तलाक संबंधी कानून पारित होने से न केवल पीड़ित पत्नी बल्कि उसके बच्चों व माता-पिता को भी राहत मिलेगी। पति के छोड़ने के बाद पत्नी व बच्चों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित होने के बावजूद उनके क्लाइंट नगमा को तीन तलाक की धमकी पति ने दिया वह बच्चों के साथ आकर घरेलू ¨हसा का मुकदमा की। मुस्लिम कानून में अन्य प्रकार के तलाक का भी जिक्र है इसलिए तीन तलाक की व्यवस्था का अंत होना चाहिए। तीन तलाक देने के बाद अधिकांश पति बाद में पछताते हैं क्योंकि बिना हलाला के पत्नी वापस नहीं लौट सकती।

अवधेश तिवारी एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर

......

तीन तलाक पर कानून सरकार का सराहनीय कार्य है। इससे निश्चित ही मुस्लिम महिलाओं पर पतियों का अत्याचार खत्म होगा। जब मुस्लिम कानून में आठ- नौ प्रकार से तलाक दिए जाने की व्यवस्था है जिसमें सोचने समझने व परिवार को टूटने से बचाने का अवसर भी रहता है तब तीन तलाक देकर एक झटके में पति पत्नी के अटूट संबंध को खत्म करने की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए।

बालकृष्ण मिश्र एडवोकेट दीवानी न्यायालय जौनपुर

.....

शिया में तत्काल तीन तलाक की व्यवस्था नहीं है जब तक मौलवी दोनों पक्षों से पूछकर दोनों की राय न जाने। तीन तलाक वास्तव में मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत ही कष्टकारी है। उससे भी कष्टकारी हलाला है। केंद्र सरकार के तीन तलाक पर कानून का स्वागत है। यह मुस्लिम महिलाओं के बहुत बड़े तबके को पुरुषों के जुल्म से बचाएगा। तीन तलाक और हलाला से मुस्लिम महिलाओं को बहुत दुश्वारियों व अपार कष्ट का सामना करना पड़ता है।

सैय्यद शहेंशाह हुसैन एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर

.....

नगमा निवासी खेतासराय का कहना है कि उसके पति ने दहेज की मांग को लेकर 5 बच्चों समेत मारपीट कर घर से निकाल दिया।दूसरी शादी कर लिया। अब तीन तलाक की धमकी दे रहा है जबकि कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कानून बनना जरूरी था। सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हित में बहुत अच्छा कार्य किया है। अब पति उसे धमकी देगा तो उसे सजा होगी। यह कानून उसके जैसी तमाम महिलाओं को पुरुषों के शोषण से मुक्ति दिलाएगा।

.....

गुलशन निवासी खेतासराय का कहना है कि उसके पति ने उसे बच्चों के साथ उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। तीन तलाक भी दे दिया। तब से वह बच्चों को लेकर दर-दर भटक रही है। कोर्ट के चक्कर काट रही है। सरकार ने जो तीन तलाक पर कानून बनाया बहुत अच्छा किया।हलाला पर भी कानून बनाना चाहिए। तीन तलाक व हलाला मुस्लिम महिलाओं के लिए दमनकारी व शोषणकारी व्यवस्था है।

....

मोदी जी द्वारा लाए गए तीन तलाक पर कानून का घोर विरोध करते हैं। कुरान में जिस तीन तलाक की व्यवस्था है वह एक-एक महीने के अंतराल पर तीन बार तलाक दिया जाता है। इस बीच सोचने समझने का दोनों पक्षों को अवसर रहता है। तमाम ¨हदू महिलाएं भी न्याय के लिए भटक रही हैं, उन्हें मोदी जी न्याय क्यों नहीं दिलाते।हाजी अफजाल अहमद पूर्व विधायक समाजवादी पार्टी

भारत में सबको अपने धर्म के अनुसार अनुसरण करने का अधिकार है। यह भारत के संविधान में उल्लिखित है। केंद्र सरकार का यह राजनैतिक कानून है।

मौलाना स़फदर हुसैन जैदी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.