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जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तिथि घोषित, आज जारी होगी अधिसूचना

जागरण संवाददाता जौनपुर जिला पंचायत सदस्य के चुनाव का परिणाम दो मई को आने के बाद से ही

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 06:58 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 06:58 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तिथि घोषित, आज जारी होगी अधिसूचना

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिला पंचायत सदस्य के चुनाव का परिणाम दो मई को आने के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथि का इंतजार था। ऐसे में सोमवार की देररात राज्य निर्वाचन आयोग ने तिथि की घोषणा कर दी। इसके तहत 26 जून को नामांकन व तीन जुलाई को मतदान के बाद मतगणना होगी। जिले में बुधवार को अधिसूचना जारी की जाएगी।

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तिथि की घोषणा होते ही जिले में सियासी पारा चढ़ गया है। जिलाधिकारी कार्यालय में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की नामांकन से लेकर मतगणना तक की प्रक्रिया संपन्न होगी। नामांकन 26 जून को सुबह 11 से तीन बजे तक, नामांकन पत्रों की जांच उसी दिन तीन बजे से कार्य समाप्ति तक होगी। नाम-वापसी 29 जून को सुबह 11 से तीन बजे तक तो मतदान तीन जून को सुबह 11 से तीन बजे तक व मतों की गणना तीन बजे के बाद शुरू होगी, जो कार्य समाप्ति तक चलेगी। जिलाधिकारी पूरे चुनाव के जिला निर्वाचन अधिकारी होंगे। तैयार हो रही वोटर लिस्ट : जिला प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गया है। सभी 83 जिला पंचायत सदस्यों की वोटर लिस्ट तैयार हो रही है। नामांकन के दौरान दी गई फोटो से फोटोयुक्त मतदाता सूची बनेगा। जिससे मतदाता की पहचान की जा सके। हालांकि अभी वार्ड 80 से विजयी जिला पंचायत सदस्य अखिलेश यादव ने आरओ से अपना प्रमाण पत्र नहीं लिया है। बोले जिम्मेदार..

राज्य निर्वाचन आयोग से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है। आयोग के निर्देशानुसार पूरी चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। इसके लिए जिले में बुधवार को अधिसूचना जारी की जाएगी। चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं। चुनाव में किसी प्रकार का खरीद-फरोख्त होने पर मजिस्ट्रेट को भेजकर जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

-मनीष कुमार वर्मा, जिला निर्वाचन अधिकारी।

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सत्ता पक्ष ने अभी नहीं खोला पत्ता, बढ़ी सरगर्मी

जौनपुर : जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित होते ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इस प्रतिष्ठित पद पर पिछले चुनाव में काबिज रही सपा इस बार भी कब्जा बरकरार रखने को हर जतन करने में जुट गई है। सपा न केवल प्रत्याशी की घोषणा कर चुकी है, बल्कि रणनीतिकार जीत की मुहिम को परवान चढ़ाने में भी लग गए हैं। उधर, सत्तारुढ़ भाजपा अभी प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर सकी है। सूत्र बता रहे, हर हाल में जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने एकजुट प्रयास शुरू दी है। सीएम दरबार में भी जिले के नेताओं को लेकर अहम मंत्रणा हो चुकी है। भाजपा किस नाम पर अपना दांव लगाएगी, इसे लेकर अटकलें तेज हो चुकी हैं। जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी इस बार महिला के लिए आरक्षित है।

जिला पंचायत अध्यक्ष के पिछले पांच चुनावों पर नजर डालें तो बीस साल बाद यह सीट महिला के लिए आरक्षित हुई है। इस बार किसी भी वर्ग की महिला अध्यक्ष पद पर भाग्य आजमा सकेगी। 1995 में भी यह सीट महिला के लिए आरक्षित थी तब भाजपा की कमला सिंह इस प्रतिष्ठित कुर्सी पर आसीन हुई थीं। सन 2000 के चुनाव में यह सीट पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुई तब बसपा की प्रभावती पाल ने इस पर कब्जा कर लिया था। 2005 में सीट अनारक्षित थी और तब दिलचस्प रणनीतिक जंग में सपा की कलावती यादव बीस छूटीं और जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं। 2010 में यह कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हुई और बसपा खेमे से अनीता सिद्धार्थ काबिज हुईं, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। उन्हें परास्त कर सपा की शारदा चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं।

2015 में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर बड़े अंतर से जीत हासिल कर सपा के राजबहादुर यादव जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही अचानक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।


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