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माघ पूर्णिमा पर लगाई श्रद्धा की डुबकी

मघा नक्षत्र में पड़ने वाला माघी पूर्णिमा कुंभ के पांचवें स्नान के रूप में मान्?यता रखता है। इस लिहाज से मंगलवार को आस्?थावानों का हुजूम नदियों की ओर उमड़ा और लोगों ने अपनी इच्?छा शक्ति के अनुसार स्?नान के बाद दान पुण्?य किया। नगर के हनुमान व सूरज घाट पर श्रद्धालुओं की सुबह से ही भीड़ जमा रही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 09:42 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 09:42 PM (IST)
माघ पूर्णिमा पर लगाई श्रद्धा की डुबकी
माघ पूर्णिमा पर लगाई श्रद्धा की डुबकी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : मघा नक्षत्र में पड़ने वाला माघी पूर्णिमा कुंभ के पांचवें स्नान के रूप में मान्यता रखता है। इस लिहाज से मंगलवार को आस्थावानों का हुजूम नदियों की ओर उमड़ा और लोगों ने अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार स्नान के बाद दान पुण्य किया। नगर के हनुमान व सूरज घाट

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पर श्रद्धालुओं की सुबह से ही भीड़ जमा रही। इस दौरान शीतला चौकियां धाम में भी मां का भव्य श्रृंगार किया गया।

राजेपुर त्रिमुहानी, पिलकिछा, करशूलनाथ घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण, विष्णु और शिव का ध्यान करने के बाद हवन जाप किया एवं अनाज वस्त्र बर्तन दान किया। मान्यता है कि ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। घाटों पर सुबह चार बजे ही आस्थावान पहुंच गए। जानकारों का कहना है कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनका जाप पाठ हवन करने से सुख-समृद्धि और धन धान्य से मनुष्य पूर्ण होता है। शीतला चौकियां धाम में भी मां का भव्य श्रृंगार किया गया। पुजारी शिवकुमार ने बताया कि सुबह पांच मां की भव्य आरती के बाद पूजन किया गया। जलालपुर के सई-गोमती के संगम तट पर हजारों लोगों ने डुबकी लगाई। कई श्रद्धावान तो एक दिन पूर्व संगम तट के समीपवर्ती गांव ऊदपुर, हरीपुर, राजेपुर, विजयीपुर समेत अन्य गांवों में आकर रुक गए थे। अगले दिन तड़के स्नानकर माघपूर्णिमा के अवसर पर राजेपुर घाट पर प्राचीन त्रेतायुगीन रामेश्वरम मंदिर में जलाभिषेक कर विधिवत पूजन किया।

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पृथ्वी पर आकर वास करते हैं देवता

आचार्य पंडित सुरेंद्र शुक्ला कहते हैं कि धार्मिक व आध्यात्मिक ²ष्टि से इस दिन का विशेष महत्व है। उन्होंने कह कि मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन जो भी गंगा स्नान करते हैं तथा उसके बाद जप और दान करते है उन्हें सांसारिक बंधनो से मुक्ति मिलती है। आचार्य शुक्ल ने कहा कि माघ स्नान करने वाले व्यक्ति पर कृष्ण प्रसन्न होकर धन-धान्य, सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।


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