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वन आक्षादित क्षेत्र का देना होगा ब्योरा

पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा सरकार संजीदा है। यही वजह है वृक्षों को काटने की बजाय पौधे लगाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। शासन की ओर वन विभाग से वन आक्षादित क्षेत्रों का ब्योरा मांगा गया है। इतना ही नहीं यह अबतक किए पौधरोपण की जानकारी भी मांगी गई है। हाईवे व फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए वृक्षों की भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही हरियाली बढ़ाने को लेकर अबतक किए गए कार्यों की समीक्षात्मक रिपोर्ट भी जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को मुहैया का निर्देश दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 05:47 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 05:47 PM (IST)
वन आक्षादित क्षेत्र का देना होगा ब्योरा

जागरण संवाददाता, जौनपुर : पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा सरकार संजीदा है। यही वजह है वृक्षों को काटने की बजाए पौधे लगाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। शासन की ओर से वन विभाग से वन आक्षादित क्षेत्रों का ब्योरा मांगा गया है। इतना ही नहीं यह अबतक किए पौधरोपण की जानकारी भी मांगी गई है। हाईवे व फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए वृक्षों की भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही हरियाली बढ़ाने को लेकर अबतक किए गए कार्यों की समीक्षात्मक रिपोर्ट भी जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को मुहैया का निर्देश दिया गया है।

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बीते पांच वर्षों में विकास कार्यों के दौरान तकरीबन चार हजार वृक्ष काट दिए गए। बड़े पैमाने पर वृक्षों को काटने से पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसे में वृक्षों को काटने की बजाय पौधे लगाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। प्रकृति की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिहाज से मुख्यमंत्री प्रदेश भर में पेड़ों की संख्या को बढ़ाने के लिए एक साथ कई योजनाओं को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। इसमे मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना के अलावा मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, एक व्यक्ति एक वृक्ष व वृक्ष भंडारा योजना शामिल है। इसमे आम लोगों को अपने जीवन में कम से एक पौधा लगाने का आह्वान किया गया है। प्रत्येक वर्ष वन विभाग की ओर से तीन लाख पौधे लगाए जाते हैं। हालांकि इनमें से 50 से 60 फीसद पौधे ही वृक्ष का रूप ले पाते हैं। खास बात यह है कि वृक्षच्छादित क्षेत्र में 16 फीसद इजाफा हुआ है। हरियाली बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 300 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग की ओर से इस वर्ष तकरीबन चार लाख पौधरोपण का दावा किया गया है।

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पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बरसात में वृहद पौधरोपण किया गया है। इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा। वृक्षच्छादित क्षेत्र में 16 फीसद इजाफा हुआ है। अबतक लगाए गए पौधों की जानकारी शासन को जल्द ही भेज दी जाएगी।

एपी पाठक, डीएफओ


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