आमिर खान समेत तीन को तलब करने को लेकर बहस
फिल्मठग्स आफ हिदुस्तानके अभिनेता आमिर खान व निर्माता निर्देशक के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में कोर्ट में बहस हुई। गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों को विभिन्न धाराओं में तलब करने की मांग की गई। कोर्ट ने आठ नवंबर को आदेश की तिथि नियत किया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: फिल्म 'ठग्स आफ हिदुस्तान'के अभिनेता आमिर खान व निर्माता, निर्देशक के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में कोर्ट में बहस हुई। गवाहों के बयान के आधार पर आरोपितों को विभिन्न धाराओं में तलब करने की मांग की गई। कोर्ट ने आठ नवंबर को आदेश की तिथि नियत की।
निषाद जाति के हंसराज चौधरी ने फिल्म 'ठग्स आफ हिदुस्तान'के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा व अभिनेता आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया है। परिवादी के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव, बृजेश सिंह ने बहस किया कि फिल्म अंग्रेजी उपन्यासकार के उपन्यास पर आधारित है जो आजादी के पूर्व आजादी के दीवानों को आतंकवादी, ठग आदि शब्द कहते थे। जान-बूझकर फिल्म की टीआरपी बढ़ाने, मुनाफा कमाने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से फिल्म का ऐसा नाम रखा गया और जाति विशेष को फिल्म में अपमानित किया गया। पूरे निषाद समाज को ठग व फिरंगी की संज्ञा दी गई। आमिर खान को फिल्म में फिरंगी मल्लाह से संबोधित किया गया। फिल्मकार जानते हैं कि विरोध पर फिल्म ज्यादा चलेगी। विरोध न होने पर लोग निषाद/मल्लाह को ठग व फिरंगी समझेंगे। फिल्मकारों के इस कृत्य से सौहार्द व देश की एकता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मल्लाह जाति की मान-हानि फिल्म के ऐसे नाम व ²श्य के प्रकाशन से हुई।
परिवादी व गवाहों ने सोशल मीडिया पर फिल्म का ट्रेलर देखा जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई। कोर्ट में परिवादी व गवाह प्रदीप निषाद, बृजेश निषाद, अजीत, संजीव नागर व मनोज नागर ने हलफनामा के जरिए अपना बयान दर्ज कराया और फिल्म के अभिनेता निर्माता व निर्देशक को दोषी ठहराया।