किसानों को बर्बादी से बचाएगी फसल बीमा योजना
प्रकृति की मार से फसलों होने वाली क्षति से अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बचाएगी। जनपद में खरीफ की छह फसलों का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसानों को दो प्रतिशत मामूली प्रीमियम देना होगा। बीमा की जिम्मेदारी एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को सौंपी गई है। कर्ज से उगाई गई फसलों का खुद बीमा हो जाएगा जबकि गैर ऋणी किसानों को बीमा कराना होगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : प्रकृति की मार से फसलों को होने वाली क्षति से अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बचाएगी। योजना के तहत तहत खरीफ की छह फसलों का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसानों को दो प्रतिशत मामूली प्रीमियम देना होगा। बीमा की जिम्मेदारी एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को सौंपी गई है। कर्ज से उगाई गई फसलों का खुद बीमा हो जाएगा जबकि गैर ऋणी किसानों को बीमा कराना होगा।
पिछले कई सालों से अवर्षण, ओलावृष्टि, तूफान आदि के चलते फसलें नष्ट हो रही हैं। कर्ज लेकर खून-पसीने बहाकर खेती करने वाले अन्नदाता बर्बाद हो रहे थे। नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू किया गया है। जानकारी के अभाव या व्यवस्था में खामी के चलते किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेकर बोई गई फसलों का ही बीमा हो पाता है। कुछ ही गैर ऋणी किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है।
जनपद में खरीफ की उर्द, तिल, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार और अरहर की फसल का बीमा किया जायेगा। इसके लिए किसानों को प्रीमियम का दो प्रतिशत भुगतान करना होगा। बाकी धनराशि सरकार द्वारा दी जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर बीमा का लाभ अधिसूचित क्षेत्र में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण फसल की बुआई न कर पाने, असफल बुवाई की स्थिति, फसल की बुवाई से कटाई की समयावधि में प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, जल प्लान, ओला, भूस्खलन, प्राकृतिक आग, आकाशीय बिजली, तूफान, चक्रवात, रोगों आदि से खड़ी फसल की क्षति होने पर बीमा का लाभ मिलता है। व्यक्तिगत फसल बीमा का लाभ भूस्खलन, जल प्लावन तथा फसल की कटाई के बाद आगामी 14 दिनों तक खेतमें सूखने के लिए काटकर रखी गई फसल की क्षति का बीमा का लाभ मिलेगा। किसानों को 48 घंटे के अंदर संबंधित बैंक, बीमा कंपनी, कृषि विभाग को सूचना देनी होगी। अधिसूचित फसलवार बीमित राशि (प्रति हेक्टेयर)
फसल- बीमित राशि
उर्द-20600
तिल-16200
धान-40100
मक्का-17600
बाजरा-1900
ज्वार-1800 ऋण लेकर बोई गई फसलों का बीमा संबंधित बैंक द्वारा कर दिया जाता है। गैर ऋणी किसान नुकसान से बचने के लिए अपनी इच्छानुसार मौसम विशेष में अधिसूचित फसलों का बीमा निकटतम बैंक व जन सेवा केंद्र के माध्यम से करा सकते हैं। इसके लिए खतौनी, आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या व पासबुक की कापी और स्वसत्यापित घोषणा पत्र आवश्यक है।
रमेश चंद्र यादव
डिप्टी पीडी आत्मा
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