बूंदाबांदी से फसलों को नुकसान, किसान चितित
निवार देर रात अचानक बदले मौसम के मिजाज ने किसानों के होश उड़ा दिए। इस समय गेहूं की फसलें तैयार हो चुकी हैं जिसकी कटाई की तैयारी चल रही है। ऐसे में एकाएक बदले मौसम से किसान परेशान हो उठे। इस मौसम से अगैती खेती करने वाले किसानों के माथे पर बल पड़ गए हैं। कृषि जानकारों का कहना है कि फिलहाल इसका असर फसलों पर आंशिक पड़ा है लेकिन बरसात तेज होने पर इसका दायरा बढ़ सकता है। बदले मौसम के बीच आकाशीय बिजली के कड़कड़ाहट से किसानों की धड़कने बढ़ा रहीं थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: शनिवार देर रात अचानक बदले मौसम के मिजाज ने किसानों के होश उड़ा दिए। इस समय गेहूं की फसलें तैयार हो चुकी हैं, जिसकी कटाई की तैयारी चल रही है। ऐसे में एकाएक बदले मौसम से किसान परेशान हो उठे। इस मौसम से अगैती खेती करने वाले किसानों के माथे पर बल पड़ गए हैं। कृषि जानकारों का कहना है कि फिलहाल इसका असर फसलों पर आंशिक पड़ा है, लेकिन बरसात तेज होने पर इसका दायरा बढ़ सकता है।
बदले मौसम के बीच आकाशीय बिजली के कड़कड़ाहट से किसानों की धड़कने बढ़ा रहीं थी। तमाम ऐसे भी किसान हैं जो फसलों को काट चुके हैं। इसका असर गेहूं के अलावा चना व सरसों पर भी पड़ा है। मीरगंज क्षेत्र में भी तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। जलालपुर में भी तेज हवाओं के साथ तमाम स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। बदले मौसम का असर सबसे अधिक उन किसानों पर पड़ा, जिन्होंने मुनाफे के लिए अगैती खेती की है। बारिश थमने के साथ किसानों ने राहत की सांस जरूर ली, लेकिन रविवार सुबह एकाएक मौसम में आए दोबारा बदलाव से किसान परेशान हो उठे। बरईपार क्षेत्र में भी तेज हवा व बूंदाबादी से फसलों पर आंशिक रूप से असर पड़ा है। किसान प्रेमचंद ने कहा कि बारिश तेज होने पर नुकसान का दायरा भी बढ़ जाएगा। सुजानगंज, मुंगराबादशाहपुर समेत अन्य स्थानों पर भी बूंदाबांदी व तेज हवाओं से फसलों पर आंशिक नुकसान पड़ा है।
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बूंदाबांदी का फिलहाल फसलों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। खेतों में काट कर रखे गेहूं की फसल को एक बार पलट कर अच्छी तरह सुखा लेना बेहतर होगा। तैयार फसलों को एक-दो दिन काटने से बचना चाहिए। मौसम साफ होने पर ही थ्रेसिग करें।
सुरेश कन्नौजिया, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक