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महज सात हजार रह गए जल निगम के उपभोक्ता

लाखों की आबादी में जल निगम उपभोक्ताओं की संख्या महज सात हजार रह गई है। पानी नहीं आने से आजिज आकर अधिकतर लोगों ने कनेक्शन कटा लिया है। वित्तीय परेशानी से जूझ रहे जल निगम के लिए घट रहे कनेक्शनधारियों ने मुसीबत और बढ़ा दी है। जल निगम को पानी का बिल की वसूली कर राजस्व में बढ़ोतरी करनी थी, लेकिन घटते उपभोक्ताओं ने विभाग की इस योजना पर पानी फेर दिया है। जर्जर पाइपों को नहीं बदलने की वजह से बड़े पैमाने पर पानी बर्बाद हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 10:40 PM (IST)
महज सात हजार रह गए जल निगम के उपभोक्ता
महज सात हजार रह गए जल निगम के उपभोक्ता

जागरण संवाददाता, जौनपुर : लाखों की आबादी में जल निगम उपभोक्ताओं की संख्या महज सात हजार रह गई है। पानी नहीं आने से आजिज आकर अधिकतर लोगों ने कनेक्शन कटा लिया है। वित्तीय परेशानी से जूझ रहे जल निगम के लिए घट रहे कनेक्शनधारियों ने मुसीबत और बढ़ा दी है। जल निगम को पानी का बिल की वसूली कर राजस्व में बढ़ोतरी करनी थी, लेकिन घटते उपभोक्ताओं ने विभाग की इस योजना पर पानी फेर दिया है। जर्जर पाइपों को नहीं बदलने की वजह से बड़े पैमाने पर पानी बर्बाद हो रहा है।

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जल निगम की अधिकतर योजनाएं वर्षों पुरानी हो गई हैं। जर्जर पाइप व खस्ताहाल ओवरहेड टैंक की वजह से अधिकतर गांवों में पानी नहीं आ रहा है। पानी नहीं आने से परेशान लोग पानी के कनेक्शन कटवाने लगे हैं। वर्षों पहले जहां जल निगम के पास एक लाख से अधिक उपभोक्ता थे, वहीं अब इनकी संख्या सात हजार रह गई है। हालांकि इसके लिए अधिकारियों की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है। जर्जर पाइपों की वजह से कई घरों में प्रदूषित पानी जा रहा है। आए दिन मिलने वाली शिकायतों को विभाग की ओर से अनसुना कर दिया जाता है। कई उपभोक्ताओं का जल निगम पर 35 लाख रुपये बकाया है। 700 ऐसे लोग हैं, जिन पर 10 से 25 हजार रुपये के बकाया है। विभाग की तरफ से इन लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। यह कवायद केंद्र सरकार की ओर से मरम्मत कार्यों में 15 फीसद की कटौती के बाद की जा रही है। केंद्र सरकार ने पेयजल परियोजना में 15 फीसद मदद नहीं करने का फैसला लिया है। ऐसे में जल निगम के घटते उपभोक्ता विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं।

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अधिकतर उपभोक्ता बिल देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब पानी ही नहीं आता तो बिल किस बात का। पेयजल आपूर्ति को बेहतर करने के लिए कुछ स्थानों पर नई पाइप लाइन डालने की योजना बनाई गई है।

राजेश गुप्ता, अधिशासी अभियंता, अधिशासी अभियंता, तृतीय, रखरखाव खंड, जलनिगम


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