विवाद की वजह से थमा पंचायत भवनों का निर्माण
ग्राम पंचायतों में भूमि विवाद की वजह से पंचायत भवनों का निर्माण रुक गया है। सीआरओ की ओर से अधूरे पंचायत भवनों के निर्माण को लेकर सूची सौंपी गई थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: ग्राम पंचायतों में भूमि विवाद की वजह से पंचायत भवनों का निर्माण रुक गया है। सीआरओ की ओर से अधूरे पंचायत भवनों के निर्माण को लेकर सूची सौंपी गई थी। जिसमें पांच सौ स्थानों पर तो कार्य शुरू हो गया, लेकिन 25 स्थानों पर विवाद की वजह से कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। इन पंचायत भवनों का निर्माण 18 लाख रुपये की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें मनरेगा भी सहयोग करेगा। सरकार की मंशा पंचायत भवनों को हाइटेक बनाकर इनसे गांवों में विकास की गति को रफ्तार देना है। यही वजह है कि पंचायत भवनों को इंटरनेट सुविधा से भी जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके।
फिलहाल एक हजार सात गांवों में पंचायत भवनों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। इसके अलावा 320 निर्माणाधीन हैं, जबकि 43 तकरीबन पूर्ण होने की स्थिति में हैं। भूमि विवाद की वजह से 25 स्थानों पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। पंचायत भवनों के निर्माण पर 15 से 18 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कार्य 15 वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग से कराया जाएगा। भवनों का निर्माण आधुनिक रूप से होगा, जिससे उन्हें कामन सर्विस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जा सके। पंचायत भवन न होने से सबसे अधिक दिक्कत बैठकों को लेकर होती है। ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों समेत लेखपाल, आशा व एएनएम के निश्चित स्थान पर न मिलने से आम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जल्द ही इस समस्या के दूर होने की बात तो कही जा रही है, लेकिन भूमि विवाद होने की वजह से कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
बोले अधिकारी..
पंचायत भवनों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराया जा रहे है। भूमि विवाद की वजह से 25 गांवों में यह नहीं बन पा रहा है, जिसके लिए राजस्व विभाग की मदद ली जाएगी। बजट की कमी से कुछ पंचायत भवन अभी अधूरे हैं। नवंबर तक सभी को हर हाल में पूर्ण करने की कोशिश है।
-संतोष कुमार, डीपीआरओ।