सेरीब्रल पालसी शारीरिक विकलांगता, अभिशाप नहीं
जासं, जौनपुर: सेरीब्रल पालसी शारीरिक विकलांगता है अभिशाप नहीं। यह बीमारी जन्म लेने वाले प्र
जासं, जौनपुर: सेरीब्रल पालसी शारीरिक विकलांगता है अभिशाप नहीं। यह बीमारी जन्म लेने वाले प्रति एक हजार नवजात में लगभग दो में होती है। उपचार में फिजियोथिरेपी कारगर है। उक्त बातें वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा.तेज ¨सह ने सोमवार को प्रेसवार्ता में बताईं। सेरीब्रल पालसी के बच्चों पर इलाहाबाद में आयोजित सेमीनार से लौटे डा. ¨सह ने बताया कि यह बीमारी प्रति 1000 जन्मे बच्चों में से लगभग दो बच्चों में होती है। इस रोग का प्रमुख कारण गर्भावती मां में संक्रमण होना, नवजात शिशु का प्रसव के दौरान न होना, सतवासे माह के शिशु आदि है। रोग के प्रमुख लक्षण शारीरिक विकलांगता, मिर्गी का दौरा आना, मानसिक विकास में कमी आदि है। इस रोग के उपचार में फिजियोथिरेपी का योगदान महत्वपूर्ण है। सही व्यायाम सही समय पर शुरू कर दिया जो तो बच्चों की शारीरिक विकलांगता काफी हद तक कम की जा सकती है। विदित हो कि त्रिशला फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस सेमीनार में देश-विदेश के लगभग 400 सेरीब्रल पालसी बच्चों के साथ परिवार के लोग भाग लिए थे। बेहतर प्रस्तुति पर डा. ¨सह को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस बीसी खंडवाल ने सम्मानित किया था।