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67 दिन बाद यात्रियों को लेकर रवाना हुईं रोडवेज की बसें

कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के 67 दिन बाद सोमवार से रोडवेज परिसर से यात्रियों को लेकर बसें रवाना हुईं। सुबह साढ़े आठ बजे सर्वप्रथम यात्रियों को यात्रा से पूर्व कर्मचारियों द्वारा मास्क लगाने की अनिवार्यता के साथ ही थर्मल स्कैनिग व उनका डिटेल नोट किया गया। इसके बाद तय रूट के कम से कम 20 यात्रियों के होने के बाद बसों में सवार होते समय उनका हाथ परिचारक द्वारा सैनिटराइ•ा कराया गया। साथ ही शारीरिक दूरी पर बैठाने के बाद बसों को निर्धारित रूट पर रवाना किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 06:06 PM (IST)
67 दिन बाद यात्रियों को लेकर रवाना हुईं रोडवेज की बसें

जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के 67 दिन बाद सोमवार से रोडवेज परिसर गुलजार नजर आया। यात्रियों के साथ ही बसें भी दिखीं। जो यात्रियों को लेकर समय-समय पर रवाना होती रहीं। सुबह साढ़े आठ बजे सर्वप्रथम यात्रियों को यात्रा से पूर्व कर्मचारियों द्वारा मास्क लगाने की अनिवार्यता के साथ ही थर्मल स्कैनिग व उनका डिटेल नोट किया गया। इसके बाद तय रूट के कम से कम 20 यात्रियों के होने के बाद बसों में सवार होते समय उनका हाथ परिचारक द्वारा सैनिटराइ•ा कराया गया। साथ ही शारीरिक दूरी पर बसों में बैठाने के बाद उनको निर्धारित रूट पर रवाना किया गया।

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पहली बस लखनऊ के लिए रवाना हुई। इसके बाद की बस को वाराणसी के लिए रवाना किया गया। संबंधित स्थानों को जाने वाले यात्रियों को पहले सूचीबद्ध किया गया। एक स्थान के 20 से 25 यात्रियों के इकट्ठा होने के बाद बसों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। खास बात यह है कि मास्क लगाए यात्रियों को ही बसों में बैठने की अनुमति दी गई। यात्री ही नहीं चालक व परिचालक भी पूरी तरह मुस्तैद नजर आए। सभी ने मास्क लगाने के साथ ही एहतियातन ग्लब्ज भी पहन रखी थी। आजमगढ़ समेत अन्य कुछ स्थानों तक जाने के लिए बसों को रिजर्व में रखा गया था, लेकिन देरशाम तक सवारी नहीं मिल सकीं। बस से काफी दिन बाद लखनऊ के लिए सफर कर रहे पंकज जायसवाल ने कहा कि सफर के पूर्व उन्होंने सुरक्षा के सभी उपाय किए हैं। कहा कि लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच डर भी लग रहा है, लेकिन सफर की भी मजबूरी है। बोले अधिकारी

पहले दिन अपेक्षाकृत कम यात्री पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक बस में 20 से 25 यात्रियों को बैठाया गया। बिना मास्क पहने यात्री को सफर की अनुमति नहीं होगी। यात्रियों के बढ़ने के साथ ही बसों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा।

-विजय कुमार श्रीवास्तव, एआरएम।


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