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ऑनलाइन ठगी से बच गए खंड विकास अधिकारी

जागरूकता की वजह से खंड विकास अधिकारी ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच गए। आशुतोष त्रिपाठी मुफ्तीगंज विकास खंड कार्यालय खंड विकास अधिकारी हैं। सोमवार को उनके मोबाइल फोन आया कि उनका मित्र अपनी मां के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर है और वाराणसी जाना चाहते हैं, लेकिन उनका डेबिट कार्ड ब्लाक हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 05:44 PM (IST)
ऑनलाइन ठगी से बच गए खंड विकास अधिकारी
ऑनलाइन ठगी से बच गए खंड विकास अधिकारी

जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर): जागरुकता की वजह से खंड विकास अधिकारी ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच गए। आशुतोष त्रिपाठी मुफ्तीगंज विकास खंड कार्यालय में खंड विकास अधिकारी हैं। सोमवार को उनके मोबाइल फोन आया कि उनका मित्र अपनी मां के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर है और वाराणसी जाना चाहते हैं, लेकिन उनका डेबिट कार्ड ब्लाक हो गया है। लगेज और टिकट की कुल राशि 45 हजार रुपये बताते हुए बैलेंस बताए हुए खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। इसके बाद आशुतोष ने बताए हुए एकाउंट में पैसे जमा करा अपने कार्य में व्यस्त हो गए। तकरीबन एक घंटे बाद दोबारा फोन आया कि संबंधित मित्र के लगेज में 150 हजार डालर कैश मिला है, जिसके भुगतान के लिए 95800 रुपये की मांग की गई। यह बात आशुतोष को खटक गई और उन्हें ऑनलाइन ठगी का अंदेशा हुआ। इसके बाद तुरंत उन्होंने ब्रांच में फोन कर मैनेजर से बात की और ट्रांजेक्शन होल्ड करा दिया। हल्की सी सर्तकता बरत वह ऑनलाइन ठगी से बच गए। इसके कुछ ही देर बार ठग का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। उन्होंने मामले की जानकारी कोतवाली में भी दी है।

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