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भगवत नाम स्मरण से पवित्र होती है वाणी

श्री राधाकृष्ण मंदिर डढि़या में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमछ्वागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को अयोध्या से आए भागवत भूषण स्वामी हरिनारायणाचार्य महराज ने भगवान शुकदेव व और राजा परीक्षित के जन्म के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मन व वाणी को पवित्र करने के लिए भगवन का स्मरण जरुरी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 06:57 PM (IST)
भगवत नाम स्मरण से पवित्र होती है वाणी
भगवत नाम स्मरण से पवित्र होती है वाणी

जासं, बदलापुर (जौनपुर): श्री राधाकृष्ण मंदिर डढि़या में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को अयोध्या से आए भागवत भूषण स्वामी हरिनारायणाचार्य महराज ने भगवान शुकदेव व और राजा परीक्षित के जन्म के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मन व वाणी को पवित्र करने के लिए भगवत का स्मरण जरूरी है। कहा कि मानव को मोक्ष प्राप्त करने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। भगवान के निज धाम जाने की सूचना पर पांडवों ने महाराजा परीक्षित को राज्य देकर द्रौपदी सहित वनगमन की यात्रा प्रारंभ की। यात्रा के मध्य ही वे स्वर्गलोक को पधारे। राजा परीक्षित के राज्य में कलियुग के प्रवेश की भी कथा सुनाई। इस अवसर पर क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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