किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में हीला-हवाली कर रहे बैंक कर्मी
जागरण संवाददाता जौनपुर अन्नदाताओं को सेठ-साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए किसान क्रे
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अन्नदाताओं को सेठ-साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंकों से कम ब्याज पर खेती के लिए कर्ज दिया जाता है लेकिन सरकार की प्रमुखता वाली यह योजना बिचौलियों के चंगुल में फंस गई है। उनके संपर्क में आए बिना प्रयास करने वाले को चक्कर काटना पड़ता है। लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में 72 हजार लक्ष्य के सापेक्ष महज 32 हजार किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बन पाया है। जबकि डेढ़ लाख से अधिक किसानों का आवेदन कई माह से धूल फांक रहा है। जिम्मेदार भी महज आदेश-निर्देश तक ही सीमित हैं।
सरकार किसानों की आय बढ़ाकर समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए तमाम योजनाएं संचालित हैं। खेती के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मामूली ब्याज पर ऋण देने की योजना है। कार्ड बनाने के लिए हर जिले का लक्ष्य तय है। प्राथमिकता के आधार पर कार्ड बनाने के आदेश के बावजूद सरकार की मंशा पर बैंक के कर्मचारी पानी फेर रहे हैं। बिना दलालों के अधिकांश बैंक में कार्ड नहीं बन पा रहा है। सीधे बैंक पहुंचने वाले किसानों को हीला-हवाली कर इतना दौड़ाया जा रहा कि वह थक-हारकर बैठ जा रहे हैं। जिला प्रशासन इस समस्या से बेखबर है। यह स्थिति तब है जब जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता पर कार्ड बनाने का आदेश दिया है।
बोले अधिकारी..
डेढ़ लाख आवेदन बैंकों में जमा कराया गया है। कई माह बीत गए। महज कुछ ही किसानों का क्रेडिट कार्ड बन सका है। बैंकों द्वारा हीलाहवाली करने का मामला आए दिन सामने आ रहा है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी।
- जय प्रकाश, उपनिदेशक कृषि।