क्वारंटाइन में रहने वालों को दी जाएंगी आयुष दवाएं
कोरोना से जंग में आयुर्वेदिक दवाएं का प्रयोग किया जा रहा है। आयुष विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए चार दवाएं भेजी हैं। क्वारंटीन में रहने वालों को यह दवाएं दी जाएंगी। दवाओं का परिणाम बेहतर आया तो अभियान को बृहद रूप दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : कोरोना से जंग में आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। आयुष विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए जिले में चार दवाएं भेजी हैं। क्वारंटाइन में रहने वालों को यह दवाएं दी जाएंगी। दवाओं का परिणाम बेहतर आया तो अभियान को वृहद रूप दिया जाएगा।
वैश्विक महामारी कोरोना के उपचार व संक्रमण को रोकने में अभी तक एलोपैथ दवाओं का सार्थक परिणाम नहीं दिखा। पूरा विश्व वैक्सीन बनाने के साथ ही अन्य विकल्प की तलाश कर रहा है। आयुष विभाग भी प्रकृति प्रदत्त जीवनोपयोगी औषधियों से बचाव में जुट गया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. कमल कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयुष विभाग ने चार दवाएं भेजी हैं। इनमें अणु तेल, आयुष-64, संशमनी वटी और अगस्त्यहरीतकी रसायन शामिल हैं। अगस्त्यहरीतकी रसायन वस्तुत: इम्यूनिटी बूस्टर (रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला) है। इसमें गिलोय और पपीता है। स्वस्थ व्यक्ति भी नियमित रूप से इसका सुबह-शाम प्रयोग करते रहें। इसके प्रयोग से कोरोना संक्रमण होने का खतरा काफी कम हो जाएगा। बताया कि यदि किसी को हल्के लक्षण हों और बुखार या जुकाम की शिकायत हो तो आयुष-64 की एक-एक गोली सुबह-शाम गर्म पानी से ले। यह एंटी वायरल दवा है। इसके साथ ही एक-एक गोली संशमनी वटी भी संक्रमण रोकने में कारगर है। बताया कि क्वारंटाइन में रहने वाले परदेसियों व प्रवासी श्रमिक परिवारों को यह दवाएं दी जाएंगी। सार्थक परिणाम मिलने पर गाइड लाइन के अनुसार इन दवाओं का उपयोग मरीजों में बढ़ाया जाएगा। जिले के सभी 36 अस्पतालों में दवाएं भेजी गई हैं। क्वारंटाइन में रहने वालों को आवश्यकता अनुसार तीन से छह दिन के लिए दवा दी जाएंगी।