Answer Sheet : उत्तर पुस्तिका में लिखा- 'जय श्री राम पास कर दीजिए'...प्रोफेसर ने दे दिए इतने नंबर; अब दोबारा इस वजह से कर दिया फेल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के फार्मेसी विभाग की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में जांच के दौरान परीक्षकों ने सही उत्तर के स्थान पर जय श्री राम पास कर दीजिए जय श्री हनुमान पास दीजिए के साथ कर अन्य चीजें लिखी हुईं थी। इसके बाद भी छात्रों को 52 और 34 नंबर मिले थे। आरोपी दो प्रोफेसर को बर्खास्त करने की संस्तुति कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में चित उत्तर के स्थान पर जगह-जगह पर जय श्रीराम व जय हनुमान जी लिखने वाले चार छात्र लगभग प्रथम श्रेणी में पास हो गए थे।
56 प्रतिशत अंक के साथ पास छात्रों की उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी की शिकायत पर पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो सच सामने आ गया। इन सभी की उत्तर पुस्तिका जनसूचना अधिकार के तहत निकलवाई गईं और फार्मेसी संस्थान के संविदा शिक्षक डा. विनय वर्मा व डा.आशीष गुप्ता की बर्खास्तगी की संस्तुति की गई है।
उत्तर के स्थान पर लिखा जय श्री राम पास कर दीजिए
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के फार्मेसी विभाग की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में जांच के दौरान परीक्षकों ने सही उत्तर के स्थान पर जय श्री राम पास कर दीजिए, जय श्री हनुमान पास कर दीजिए के साथ कर अन्य चीजें लिखी हुईं थी। इसके बाद भी छात्रों को 52 और 34 नंबर मिले थे।
इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच जब बाहरी शिक्षकों ने की गई तो उसमें छात्रों को शून्य और चार नंबर मिले। छात्र नेताओं दिव्यांशु और उद्देश्य सिंह ने आरोप लगाया था कि छात्रों से पैसे लेकर दोनों परीक्षकों ने अधिक अंक दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कुलपति से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।
जन सूचना के आधार पर 58 उत्तर पुस्तिका मांगी गईं
छात्र नेताओं ने संविदा परीक्षकों पर पैसे लेकर शून्य अंक पाने वाले फार्मेसी के छात्रों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक देने का आरोप लगाते हुए जनसूचना अधिकार के तहत 19 छात्रों की अलग-अलग पेपर की 58 उत्तर पुस्तिकाएं मांगी थीं। सिर्फ चार छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं ही उन्हें उपलब्ध कराई गईं, जिन पर जय श्रीराम, हनुमान जी का जयकारा आदि लिखा था। इसके बावजूद उन्हें 60 प्रतिशत से अधिक अंक मिले थे।
दो प्रोफेसर्स को बर्खास्त करने की संस्तुति
आरोप है कि बिना आदेश के सत्र 2021-22 के डी-फार्मा के छात्रों को मानक के विपरीत कई बार बैक व स्पेशल बैक की परीक्षाएं दिलाई गईं। परीक्षा नियंत्रक की टिप्पणी में डी-फार्मा में बैक परीक्षा का प्रविधान ही नहीं है। शिकायत पर राजभवन ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था। बुधवार को विश्वविद्यालय परीक्षा समिति की बैठक कुलपति की अध्यक्षता में हुई। इसमें दोषी पाए गए डा. विनय वर्मा व डा.आशीष गुप्ता को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई।