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चुनौतियों के बीच वृक्षादित क्षेत्रों में 16 फीसद का इजाफा

जल व पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से राहत भरी खबर है। जिले में वृक्षच्छादित क्षेत्र में 16 फीसद इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं आम लोगों के जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए वन विभाग 66 लाख पौधों को अपनी 49 नर्सरियों में उगा रहा है। इसमें से 17 लाख पौधों को वन विभाग स्वयं लगायेगा जबकि 24 लाख पौधों को ग्राम पंचायतों समेत अन्य विभागों को दिया जायेगा। बरसात के साथ ही एक अभियान के तहत पौधरोपण किया जायेगा। तैयारी को विस्तृत रूप देने के लिए इसका पूरा माइक्रो प्लान तैयार किया गया है जिसमें सभी रेंज अधिकारियों की ड्यूटी अभी से तय कर दी गई है। वन विभाग के इस कवायद से आबोहवा में बदलाव की उम्मीद जाग गयी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 07:27 PM (IST)
चुनौतियों के बीच वृक्षादित क्षेत्रों में 16 फीसद का इजाफा

जागरण संवाददाता, जौनपुर: जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए राहत भरी खबर है। जिले में गत चार वर्षों में वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों में 16 फीसद इजाफा हुआ है। जो स्वस्थ पर्यावरण के लिए अच्छी खबर है। इतना ही नहीं आम लोगों के जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए वन विभाग 66 लाख पौधों को अपनी 49 नर्सरियों में उगा रहा है। इसमें से 17 लाख पौधों को वन विभाग स्वयं लगायेगा, जबकि 24 लाख पौधों को ग्राम पंचायतों समेत अन्य विभागों को दिया जायेगा। बरसात के साथ ही एक अभियान के तहत पौधरोपण किया जायेगा। तैयारी को विस्तृत रूप देने के लिए इसका पूरा माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। जिसमें सभी रेंज अधिकारियों की ड्यूटी अभी से तय कर दी गयी है। वन विभाग की इस कवायद से आबोहवा में बदलाव की उम्मीद जग गई है।

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प्रत्येक वर्ष वन विभाग की ओर से तीन लाख पौधे लगाये जाते हैं। हालांकि इनमें से 50 से 60 फीसद पौधे ही वृक्ष का रूप ले पाते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निबटने के लिए इस वर्ष दोगुने से भी अधिक पौधरोपण करने की तैयारी की गयी है। विभाग अपनी विभिन्न 49 नर्सरी में 66 लाख पौधों को उगा रहा है। खास बात यह है कि वृक्ष आच्छादित क्षेत्र में 16 फीसद इजाफा हुआ है। हरियाली बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 300 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। वृक्षों की संख्या बढ़ने से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। हाईवे किनारे कराया जायेगा वृहद पौधारोपण

विकास कार्यों के लिहाज से गत पांच वर्षों में छह हजार पेड़ काट दिये गये। जिस तेजी से पेड़ काटे गये उतनी संख्या में पौधे रोपे नहीं जा सके। यही वजह है कि सड़कों के किनारे अब पेड़ों की संख्या बेहद कम रह गयी है। इसे देखते हुए हाईवे किनारे वृहद पौधारोपण कराया जाएगा। योजना को सफल बनाने के लिए एनएचआइ समेत पीडब्ल्यूडी से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। बोले अधिकारी

पर्यावरण को संरक्षित किये बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसे लेकर सभी को सचेत होना होगा। बिगड़ती आबोहवा को दुरुस्त करने के लिए इस वर्ष वृहद पौधारोपण किया जायेगा। हाईवे, सड़क व नहरों के किनारे समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण किया जायेगा। 66 लाख पौधों के रहने से पौधारोपण के बाद सूख चुके पौधों को बदलने में मदद मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा।

-एपी पाठक, डीएफओ।


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