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जंगली सूअर, नीलगाय तोड़ रहे अन्नदाता की कमर

बरईपार (जौनपुर): सबसे परेशान किसान यही देशवा में, किसी कवि की यह पंक्तिया इस समय सटीक बैठ रही है। कभ

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 11:14 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 11:14 PM (IST)
जंगली सूअर, नीलगाय तोड़ रहे अन्नदाता की कमर

बरईपार (जौनपुर): सबसे परेशान किसान यही देशवा में, किसी कवि की यह पंक्तिया इस समय सटीक बैठ रही है। कभी अतिवृष्टि,तो कभी अनावृष्टि से परेशान किसान की फसलों के लिए जंगली सूअर, नीलगाय तथा हर गांव में घूम रहे छुट्टा पशु दुश्मन बन हुए हैं। गांव में पशुपालक जर्सी गाय के बछड़ो को थोड़ा बड़ा होने बाद ले जाकर दूसरे गांवों में छोड़ दे रहे हैं, जो किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या बने हुए हैं। किसानों की फसल बचाने की सारी कवायद फेल हो जा रही है।

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शाहपुर के किसान राम सूरत यादव, संजय तिवारी, तो लखेसर के राम ललित तिवारी, बबऊराम यादव, बंटू मिश्र ने बताया कि जंगली सूअर के कारण नदी के किनारे की फसलें नहीं बच पा रही है। जिसके कारण नदी के तराई सहित 5 किमी इर्द-गिर्द के किसान आलू और कंद की खेती का क्षेत्रफल ही कम कर दिए है। जो भी आलू लगाया गया सूअर रात में खोद कर सब खा गए। जिससे लागत भी डूब गया।

किसान बच्चन मौर्या, हीरालाल यादव का कहना था कि अरहर की फली नीलगायों को बहुत पसंद है। इस लिए इस समय फूल ले रही अरहर की फसलों को सुरक कर खा जा रहे है। वही सब्जी की खेती को भी चबा खा जा रहे हैं।

किसान अनिल मिश्र, संतोष तिवारी, पप्पू सरोज, आंनद कुमार ने बताया कि लोग गाय तो पालते हैं। परंतु बछड़ा को लोगों की खेती खाने के लिए दूसरे गांवों में छोड़ दे रहे हैं। इस समय खेती सहित पेड़ पौधे को भी छुट्टा पशु खा करके नष्ट कर दे रहे है। ये किसान के लिए परेशानी का सबब बन हुए है। हर गांव में ऐसे कई छुट्टा पशु अमूमन दिख रहे हैं। जिसे लेकर किसान परेशान हैं।

किसानों का कहना है कि फसलों को बाड़ से सुरक्षा की चर्चा थी। लेकिन उसका लाभ अभी तक किसी को नहीं मिला। किसानों का कहना है ़िक यदि इनसे बचने की दिशा में सरकार या प्रशासन ने नहीं सोचा तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।


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