आईपीएस बनकर पहुंचे पत्रकार ने डाक बंग्ले पर जमाया कब्जा
बदलापुर (जौनपुर): आईपीएस बनकर डाक बंग्ले पर पहुंचकर धौंस जमाना कथित पत्रकार को महंगा पड़ गया। अर्
बदलापुर (जौनपुर): आईपीएस बनकर डाक बंग्ले पर पहुंचकर धौंस जमाना कथित पत्रकार को महंगा पड़ गया। अर्द्धसैनिक बल की सुरक्षा तथा लग्जरी वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे पत्रकार को देख डाक बंग्ले के कर्मी हैरान हो गए। सूचना प्रशासन को हुई। स्थिति संदिग्ध देख प्रशासन हरकत में आया तो कलई खुल गई। पूछताछ में पत्रकार की असलियत सामने आ गई। अब एसडीएम मामले की जांच कर रहीं हैं कि उन्हें सुरक्षा और वाहन कैसे उपलब्ध हुए।
19 मई की रात करीब 11 बजे 10-12 अंगरक्षक जो पैरामिलिट्री फोर्स से संबंधित थे, उनके साथ कई वाहनों का काफिला लेकर एक शख्स पूरे हाव-भाव के साथ डाक बंग्ले में दाखिल हुआ। चौकीदार से खुद को एडीजी स्तर का अधिकारी बताकर धौंस जमाने लगा। सुविधाओं को लेकर फटकार भी लगाई। बात बढ़ती गई तो एसडीएम और इलाकाई पुलिस भी पहुंच गई। वह तब तक वही रवैया अपनाता रहा। प्रशासन ने कड़ाई बरती तो उसका तेवर कुछ ढीला हुआ लेकिन खुद को गृह मंत्रालय का अधिकारी बताते हुए गोपनीय मिशन पर आने की बात कही। बार-बार बयान बदलने पर अधिकारियों का शक गहरा हुआ और सख्त तेवर अपनाया। फिर पूछताछ शुरू हुई तो खुद को दिल्ली के एक अखबार का पत्रकार और अपना घर बख्शा थाना क्षेत्र के एक गांव का निवासी बताया। सच्चाई उगला कि पिता की तेरहवीं में शामिल होने आया था। इतना सुनते ही सीओ बदलापुर डीएन ¨सह ने जवानों को हटाते हुए उसे डाक बंग्ले से बाहर का रास्ता दिखाया। इस संबंध में एसडीएम ममता मालवीय ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
किसका था फोन
जब कथित पत्रकार अधिकारियों की पूछताछ में फंसा और घिरता गया। इसी दौरान उसने किसी से बात किया, जिसके फोन पर अधिकारी नरम पड़े और वह निकल गया। चर्चा है कि वह प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी का फोन था।