संस्कृत साहित्य देश की अमूल्य धरोहर
जलालपुर (जौनपुर) : कुटीर पीजी कालेज चक्के के संस्कृति विभाग द्वारा रविवार को 'संस्कृत भाषा एवं साहित
जलालपुर (जौनपुर) : कुटीर पीजी कालेज चक्के के संस्कृति विभाग द्वारा रविवार को 'संस्कृत भाषा एवं साहित्य' विषयक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. गयाराम पांडेय ने कहा कि मानवीय प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पाणिनी का अष्टाध्यायी है।
यह भाषा और इसका साहित्य भारतवर्ष की अमूल्य धरोहर है जो हीन भावना से ग्रस्त मानव को श्रेष्ठता के शिखर पर स्थापित करती है। इसी क्रम में ¨हदी विभाग द्वारा आयोजिक व्याख्यानमाला 'काव्य प्रयोजन' में मुख्य वक्ता डा. देवेंद्र उपाध्याय, पूर्व विभागध्यक्ष राजा श्री कृष्ण दत्त पीजी कालेज ने कहा कि अंत:करण की प्रवृत्ति ही कवि का प्रमाण काव्य के रूप में परिलक्षित होता है।
कवि प्रसूता मां की तरह होता है जो अपनी हृदय में पल रहे सौंदर्य और अनुभूति को काव्य के रूप में पाठक के सामने रखता है। डा. रमेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य द्वय भारतीय मनोविज्ञान के शोध का विशाल भंडार है। विज्ञान परिषद द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष प्रो. डीडी दुबे ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से विज्ञान की जटिल संयोजन सरलतम ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि केवल सपने ही नहीं देखना चाहिए अपितु उसे कार्य रूप में परिणित भी करना चाहिए। कथनी-करनी में समानता से जीवन सफल होगा तभी आप परिवार एवं समाज के लिए उपयोगी होंगे। छात्रों द्वारा बनाए गए जेसीबी माडल को प्रथम एवं पवन-सौर-जल ऊर्जा के संयुक्त माडल को द्वितीय स्थान प्रदान किया गया। प्रदर्शनी का आयोजन डा. अमरेश कुमार, डा. एचबी चतुर्वेदी, डा. राजेश कुमार खरवार एवं सहयोगी तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. सीबी पाल प्राचार्य ने किया।