अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना
निरीक्षण में दिए आवश्यक दिशा निर्देश फोटो संख्या 19 ओआरआई 1
संवाद सहयोगी, कालपी : बीते दो दिनों से लगातार तेजी से बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को स्थिर हो गया। हालांकि जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर है। दोपहर तक यमुना का जलस्तर घटना भी शुरू हो गया, जिससे प्रशासन व लोगों ने राहत की सांस ली है।
शनिवार से यमुना नदी का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि रविवार को 24 घंटे के भीतर खतरे के निशान को पार कर गया। इससे नगर के सभी घाट बाढ़ में डूब गए। जीतामऊ से इकौना तक दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की फसलें भी बाढ़ में समा गईं। सड़क पर नाव चलने लगी थी। सोमवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यमुना का जलस्तर 108.33 मीटर दर्ज किया गया। दोपहर एक बजे यमुना का जलस्तर 108.59 मीटर पहुंच गया। दो से तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से घट रहा पानी
दोपहर को नदी का जलस्तर घटने लगा दो बजे नदी का जलस्तर 108.58 मीटर दर्ज किया। जल आयोग के अनुसार नदी का जलस्तर दो से तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटना शुरू हुआ है। नदी का जलस्तर कम होने से प्रशासन व लोगों ने राहत की सांस ली है। अभी भी सड़क पर चल रही नाव
पानी इतना बढ़ा कि अभी भी व्यास मंदिर से मंगरौल जाने वाले रोड पर नाव जल रही है। जौधर नाला रपटा के ऊपर लगभग 15 फीट से ज्यादा पानी बह रहा है। लोगों को आवागमन के लिए अभी भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इन गांवों का संपर्क कटा
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच जाने के कारण जौधर रपटे के कई फीट ऊपर तक पानी बहने से यमुना पट्टी के देवकली, हीरापुर, कीरतपुर, मैनूपुर, मंगरौल, पड़री, नरहान समेत कई गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। अब इन गांवों के लोग या तो नाव का सहारा लेकर आते हैं या फिर हर्रायपुर होते हुए 25 किमी चक्कर लगाकर कालपी आ रहे हैं। इन गांवों से आने वाले दर्जनों छात्र छात्राएं भी विद्यालय आने जाने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं। कई गांवों में फसल हुई बर्बाद
यमुना में अचानक बाढ़ आने से यमुना पट्टी के गांवों के किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। महेबा ब्लाक के जीतामऊ से लेकर कदौरा ब्लॉक के इकौना तक लगभग 70 किमी के दायरे में किसानों की फसलें बाढ़ में तबाह हो चुकी हैं। शेखपुर बुल्दा, देवकली, कीरतपुर, हीरापुर, शेखपुर गुढा, मैनूपुर, मंगरौल, पडरी, नरहान, दहेलखंड, सिमरा, पाल सरैनी, जीतामऊ तक उधर कदौरा ब्लॉक के रायढ़ दिवारा, गुलौली मुस्तकिल, टिपरिया से लेकर इकौना तक यमुना किनारे किसानों के खेतों में बोई गई उर्द, मूंग, ज्वार, बाजरा, तिली व सब्जी की फसलें डूब चुकी हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। 21 अगस्त तक रहेगा असर
एसडीएम भैरपाल सिंह ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। बताया कि ताजेवाला बैराज से 8 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना प्राप्त हुई है। इसका प्रभाव 21 अगस्त तक कालपी में यमुना नदी में देखने को मिलेगा। चंबल नदी के प्रवाह में भारी कमी आई है। बेतवा नदी पर स्थित बांध से पानी का प्रवाह बंद हो जाने के कारण मोहाना में बेतवा का जलस्तर 112.20 मीटर पर है जो खतरे के निशान से लगभग 10 मीटर नीचे है। तहसीलदार को दिया निर्देश
एसडीएम भैरपाल सिंह ने बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन का तहसीलदार को निर्देश देते हुए बताया कि यमुना में बाढ़ से कीरतपुर, हीरापुर, देवकली, शेखपुर गुढा, गुढाखास, नरहान, पडरी, मंगरौल, रायढ दिवारा व लालपुर आदि गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों के लेखपालों से सर्वे करवाकर जनहानि पशुहानि तथा संपत्ति की क्षति की सूचना देने को कहा गया है। साथ ही सभी लेखपालों को गांव पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।